
Bihar Teacher: बिहार शिक्षा विभाग ने 26,665 शिक्षकों के ट्रांसफर की पहली सूची जारी कर दी है। इन शिक्षकों को उनके नए स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं, और उन्हें 30 जून तक अपने नए स्कूलों में जॉइन करना होगा। यह कदम शिक्षकों को उनके घर के नजदीक स्कूलों में सेवा देने का मौका देगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा।
ट्रांसफर प्रक्रिया: कैसे हुआ आवंटन?
बिहार शिक्षा विभाग ने 1.90 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर आवेदनों में से 26,665 शिक्षकों का चयन किया। ये ट्रांसफर छह श्रेणियों में किए गए हैं, जैसे कि गृह जिला, स्वास्थ्य कारण, और पारिवारिक स्थिति। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को उनके नए स्कूलों की जानकारी दी गई है। स्थानांतरण पत्र 20 जून को जारी किए गए, और शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे समय पर जॉइन करें।
सरकारी शिक्षकों के लिए राहत
इस ट्रांसफर से कई शिक्षक अपने गृह जिले के करीब स्कूलों में जा सकेंगे। इससे उनकी यात्रा का समय और खर्च कम होगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। जिन शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी पोस्टिंग पसंद नहीं आई, उन्हें आवेदन वापस लेने का मौका भी दिया गया। करीब 6,390 शिक्षकों ने अपने ट्रांसफर रद्द किए।
Bihar Teacher: शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा बल
यह ट्रांसफर प्रक्रिया बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करेगी। नए स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती से कक्षाओं में नियमित पढ़ाई सुनिश्चित होगी। साथ ही, गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में किताबें समय पर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है। इससे बच्चों को पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं होगी।
अगले चरण में और ट्रांसफर
शिक्षा विभाग ने पहले चरण में 1.30 लाख शिक्षकों का ट्रांसफर किया था, जिसमें से 80% को स्कूल आवंटित हो चुके हैं। अगले चरण में 60,226 और शिक्षकों का ट्रांसफर होगा। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को 15 जून तक स्कूल आवंटन पूरा करने का निर्देश दिया था, जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बिहार में 26,665 शिक्षकों के ट्रांसफर और स्कूल आवंटन से शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। यह कदम शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए फायदेमंद है। इच्छुक शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपने आवंटन की जानकारी देख सकते हैं। बिहार सरकार का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को और मजबूत करेगा।