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एक्शन में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार, बकाया 1.36 लाख करोड़ के लिए दिया अल्टीमेटम

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रांची-बिहार के सांसद पप्पू यादव ने संसद में पूछा था कि कोयले के राजस्व मद में झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार क्यों नहीं वापस करती? केंद्र सरकार के इनकार के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार एक्शन मोड में आ गयी है. विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. झामुमो ने राज्य से कोयला रोकने की चेतावनी दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा सांसद से आह्वान करते हुए कहा कि झारखंड भाजपा के सांसदों से उम्मीद है कि वे उनकी इस जायज मांग को दिलवाने के लिए अपनी आवाज अवश्य बुलंद करेंगे. झारखंड के विकास के लिए यह राशि आवश्यक है.

झामुमो ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के जवाब पर मोर्चा खोल दिया है. झामुमो महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा अब नाटक करना बंद करें. कोयला हमारा, जमीन हमारी, हमलोग अब छोड़नेवाले नहीं हैं. चुनाव में भी औकात बतायी, राजमहल से लेकर राजधनवार तक एक ढेला कोयला तक बाहर नहीं जायेगा. भाजपा के लोग जो गलतफहमी उत्पन्न कर रहे हैं, वे समझ लें. यह राज्य की जनता का पैसा है. कोल इंडिया के अधिकारी भी सुन लें, यह पैसा आपका नहीं है. निजी कंपनियां भी सुन लें, यह पैसा आपका नहीं है. हम अपना हक और अधिकार लेना जानते हैं. पहले बकाया दें, तब फावड़ा चलाएं, नहीं तो सब फावड़ा बंद हो जायेगा.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा सांसदों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कहां गये भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसद? ये सभी गूंगे और बहरे हो गये हैं. पूरा का पूरा विस्थापन का दंश हम झेंले, पर्यावरण का नुकसान हुआ. जंगल काटे गये. कई बीमारियां हुईं. अब ये चालाकी कर रहे हैं. हमने तो कह दिया कि किस मद में कितना पैसा बकाया है. मुख्यमंत्री के पत्र में सारा डिटेल है. इसलिए नाटक न करें. यह तो प्रधानमंत्री को पूरे ब्योरे के साथ दिया गया था. हमारे पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी आया.

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