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Tata Steel News: टाटा स्टील द्वारा बस्तियों में घातक प्रदूषण फैलाने का आरोप, निवासियों ने की कार्रवाई की मांग

जमशेदपुर। टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा पत्थर डस्ट (गिट्टी डस्ट) के प्रदूषण से आसपास की बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर संकट मंडरा रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्रवासियों ने झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल मैनेजर को शिकायत पत्र सौंपा है और टाटा स्टील द्वारा फैलाए जा रहे इस प्रदूषण को अविलंब रोकने की मांग की है।

प्रदूषण से प्रभावित इलाके

शिकायत के अनुसार, टाटा स्टील अपने कारखाने के अंदर पूर्वी छोर पर न्यू कालीमाटी रोड स्थित 407 स्टैंड के पीछे करीब एक साल से पत्थर डस्ट का गंभीर प्रदूषण फैला रहा है। यह क्षेत्र हेम सिंह बागान की बस्तियों से मात्र 5 मीटर की दूरी पर स्थित है और दोनों के बीच केवल टाटा स्टील की चारदीवारी है। इसके अलावा, टुइलाडुंगरी, रिफ्यूजी कॉलोनी, बंगाली कॉलोनी, नेहरू कॉलोनी, गुरुद्वारा बस्ती, गाढ़ाबासा, केबुल कॉलोनी, केबुल बस्ती, गोलमुरी, टाटा स्टील के फ्लैट्स और एनएमएल कॉलोनी जैसी कई अन्य रिहायशी बस्तियां भी इस प्रदूषण की चपेट में हैं।

कैसे हो रहा है प्रदूषण?

क्षेत्रवासियों के अनुसार, टाटा स्टील अपने कारखाने के अंदर एक बड़े भूखंड पर भारी मात्रा में पत्थर की गिट्टी लाकर डंप करती है। इसके बाद जेसीबी की मदद से इन गिट्टियों को डंपर में लोड कर अन्यत्र भेजा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक मात्रा में पत्थर की धूल (डस्ट) हवा में फैलती है और आसपास की बस्तियों तक पहुंच जाती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस डस्ट की परतें उनकी खड़ी कारों, घरों की छतों, पेड़-पौधों के पत्तों और यहां तक कि बाहर सूख रहे कपड़ों पर भी देखी जा सकती हैं।

स्वास्थ्य पर बुरा असर

विशेषज्ञों के अनुसार, पत्थर की यह धूल मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होती है। इससे न केवल अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है, बल्कि न्यूमोकोनियोसिस और सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा रहता है, जो फेफड़ों को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस प्रदूषण के कारण कई लोग पहले से ही सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं और यदि इसे जल्द नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में स्वास्थ्य संकट और भी गहरा सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कार्रवाई की मांग

बस्तिवासियों ने झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से मांग की है कि वे इस समस्या का संज्ञान लें और टाटा स्टील को इस घातक प्रदूषण को रोकने के निर्देश दें। नागरिकों ने आरोप लगाया कि टाटा स्टील स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

यदि संबंधित विभाग द्वारा जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय लोग बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वहीं, इस मुद्दे पर टाटा स्टील की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Manpreet Singh
Author: Manpreet Singh

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