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Bengal is burning, the government is silent:मुर्शिदाबाद हिंसा पर CM योगी आदित्यनाथ का तीखा हमला, कहा-दंगाइयों का इलाज सिर्फ डंडा

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  • “बंगाल जल रहा है, सरकार मौन है”: मुर्शिदाबाद हिंसा पर CM योगी आदित्यनाथ का तीखा हमला, कहा – “दंगाइयों का इलाज सिर्फ डंडा है”
यूपी:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर तीखा बयान देते हुए कहा है कि देश में अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “लातों के भूत बातों से नहीं मानते, दंगाइयों का इलाज केवल डंडे से ही संभव है।” हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई और राज्य सरकार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए।
सीएम योगी ने कहा, “पूरा मुर्शिदाबाद पिछले एक हफ्ते से जल रहा है। लोग भय में जी रहे हैं, लेकिन सरकार चुप है। वहां के मुख्यमंत्री मौन साधे हुए हैं। दंगाइयों को ‘शांति दूत’ कहा जा रहा है। ये कैसी राजनीति है?”
उन्होंने आगे कहा, “बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उसका समर्थन यहां बैठे कुछ लोग कर रहे हैं। अगर किसी को बांग्लादेश इतना पसंद है तो वह भारत में बोझ बनने की बजाय वहीं चला जाए। देश की मिट्टी को अपमानित करने वालों के लिए यहां कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा, “जब देश में दंगे होते हैं, ये लोग मौन हो जाते हैं। न तो किसी हिंसा की निंदा करते हैं और न ही पीड़ितों के पक्ष में खड़े होते हैं। इनकी राजनीति केवल तुष्टिकरण की है।”
योगी आदित्यनाथ ने 2017 से पहले के उत्तर प्रदेश का भी हवाला दिया, जब प्रदेश में अक्सर दंगे हुआ करते थे। उन्होंने कहा, “हमने यूपी में कानून का राज स्थापित किया है। आज कोई दंगा नहीं कर सकता, क्योंकि उन्हें पता है कि योगी का डंडा तैयार है।”
मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “मैं धन्यवाद दूंगा माननीय उच्च न्यायालय को, जिन्होंने राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देकर वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पहल की।”
इस तीखे बयान से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि योगी आदित्यनाथ दंगाइयों और देशद्रोही मानसिकता वालों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने के पक्ष में नहीं हैं। उनका यह रुख उनके समर्थकों के बीच खूब सराहा जा रहा है, वहीं विपक्षी दल इसे राजनीति से प्रेरित बयान बता रहे हैं।

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