Search
Close this search box.

JMM opposed this bill due to appeasement politics by coming in contact with Congress: वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर रघुवर दास का तीखा हमला: झामुमो को बताया आदिवासी विरोधी

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जमशेदपुर | झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एग्रिको आवासीय कार्यालय पर पत्रकारों से संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झामुमो ने इस विधेयक का विरोध कर आदिवासी विरोधी होने का परिचय दिया है। दास ने कहा कि इस संशोधन विधेयक के तहत अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूची 5 और 6) में वक़्फ़ संपत्ति घोषित करने पर रोक लगाई गई है, जिससे आदिवासियों की जमीन, संस्कृति और संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
रघुवर दास ने कहा, “झामुमो ने कांग्रेस के संपर्क में आकर तुष्टिकरण की राजनीति के चलते इस विधेयक का विरोध किया। यह पार्टी आदिवासियों के हितों की रक्षा के नाम पर उन्हें भ्रमित करती रही है, लेकिन अब उसका असली चेहरा बेनकाब हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आदिवासियों की भूमि की रक्षा के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने झामुमो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “झामुमो को झारखंड के आदिवासियों को जवाब देना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि आदिवासी क्षेत्र की जमीन को वक़्फ़ घोषित कर दिया जाए? अनुसूचित क्षेत्रों में कब्रिस्तान, मज़ार, मकबरा, मस्जिद और दरगाहों का विस्तार आदिवासियों की संस्कृति के खिलाफ है। झामुमो ने इस बिल का विरोध कर यह साबित कर दिया कि वह मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए आदिवासियों की जमीन और पहचान को दांव पर लगाने को तैयार है।”
रघुवर दास ने कहा कि इस नए कानून से झारखंड में बड़े पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण और जबरन जमीन हड़पने की घटनाओं पर रोक लगेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो की तुष्टिकरण नीति के चलते रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल पूजा की शोभा यात्रा के दौरान पाहन पर हमला हुआ। उन्होंने आदिवासी समाज से अपील की कि वे झामुमो और कांग्रेस के सांसदों का सामाजिक बहिष्कार करें, क्योंकि उन्होंने इस विधेयक के खिलाफ मतदान कर यह साबित कर दिया कि वे आदिवासी विरोधी हैं।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल लाया है। झारखंड के आदिवासी समाज को अब जागरूक होने और झामुमो के तुष्टिकरण के खेल को समझने की जरूरत है।”

Leave a Comment

और पढ़ें