कार्तिक पूर्णिमा की संध्या के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यह तिथि इस बार 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को पड़ रही है।
वाराणसी: यह दिन चातुर्मास की समाप्ति का प्रतीक भी है और धार्मिक दृष्टि से भगवान विष्णु, लक्ष्मी और शिव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
“कार्तिके पूर्णिमायां तु स्नानदानादिकं शुभम्।”
अर्थात् कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया स्नान, दान और दीपदान अनंत पुण्य का फल देता है।
इस दिन जो व्यक्ति विधिपूर्वक व्रत, स्नान, पूजा और दान करते हैं, उन्हें अक्षय फल, धन-सम्पत्ति और शुभ संतान की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ उपाय
तुलसी पूजन और दीपदान
कार्तिक पूर्णिमा की संध्या के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है।
यह उपाय न केवल घर की समृद्धि बढ़ाता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। इससे घर में शांति और स्वास्थ्य दोनों बने रहते हैं।
पवित्र स्नान और तिल का प्रयोग
इस दिन तिल और आंवले के चूर्ण से शरीर पर लेप लगाकर स्नान करने की परंपरा है।
ऐसा करने से शरीर निरोगी रहता है और पापों का क्षय होता है।
जो लोग ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, वे तुलसी की जड़ की मिट्टी लगाकर भगवान विष्णु का नाम जपते हुए स्नान करें — इससे मानसिक शांति मिलती है।
गाय, बछड़ा या घी का दान
पूर्णिमा के दिन गाय या उसके बछड़े का दान करने से व्यक्ति का समाज में आदर बढ़ता है। यदि यह संभव न हो तो घी, रथ, तिल या वस्त्र दान भी अत्यंत शुभ होता है। यह उपाय नौकरी-व्यवसाय में उन्नति और सम्मान दिलाता है।
पीपल पूजन से धन लाभ
सुबह-सुबह मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं और माता लक्ष्मी का स्मरण करें। इस उपाय से लक्ष्मी-कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में धन की वृद्धि होती है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी आर्थिक स्थिति अस्थिर है।
मां लक्ष्मी के लिए खीर का भोग
रात को चांद के उदय होने के बाद दूध-चावल की खीर बनाकर उसमें मिश्री और गंगाजल मिलाएं। फिर मां लक्ष्मी को भोग लगाकर परिवार और मित्रों में प्रसाद स्वरूप बाँट दें। यह उपाय घर में धन प्रवाह को स्थिर करता है और दरिद्रता को दूर करता है।
कौड़ियों का तिजोरी उपाय
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11 पीली कौड़ियाँ लेकर उन पर हल्दी का तिलक करें।
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इन्हें माता लक्ष्मी के चरणों में चढ़ाएं और अगले दिन लाल कपड़े में बाँधकर तिजोरी में रखें।
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प्रत्येक पूर्णिमा को इन कौड़ियों को पुनः बाहर निकालकर माता के सामने रखकर फिर से हल्दी का तिलक करें।
ऐसा करने से घर की तिजोरी कभी खाली नहीं होती और धन वृद्धि निरंतर बनी रहती है।
शिवलिंग पर चावल अर्पित करें
पूर्णिमा के दिन सवा किलो साबुत चावल खरीदें।
भगवान शिव के मंदिर में जाकर पूजा के बाद दोनों हथेलियों में जितने चावल समा जाएँ, उतने चावल शिवलिंग पर चढ़ा दें। बाकी बचे चावल जरूरतमंदों को दान करें। यह उपाय कार्य-सफलता और हर क्षेत्र में विजय दिलाने वाला माना गया है।
शिव पूजन से समस्त सुखों की प्राप्ति
यदि आपको जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो रही है, तो इस दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र या शमीपत्र अर्पित करें।
यह उपाय सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति कराता है और परिवारिक संबंधों में मधुरता लाता है।
दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा को “दान पूर्णिमा” भी कहा जाता है।
इस दिन ब्राह्मणों, बहन-भानजे, मामा-बुआ जैसे संबंधियों को दान देने से परिवार में स्नेह और समृद्धि बढ़ती है।
दान-पुण्य से जीवन में नकारात्मकता कम होती है और कर्म शुद्ध होते हैं।
निष्कर्ष
कार्तिक पूर्णिमा का दिन सदाचार, श्रद्धा और दान का पर्व है। इस दिन किए गए छोटे-से-छोटे शुभ कार्य भी अनंत पुण्य देते हैं।
यदि आप इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं, तो न केवल आपके दुख-कष्ट मिटेंगे, बल्कि जीवन में धन-धान्य, सुख और शांति भी स्थायी रूप से बनी रहेगी।
संदेश:
इस कार्तिक पूर्णिमा पर दीप जलाएं, दान करें, और अपनी आत्मा को प्रकाशमान बनाएं —
क्योंकि सच्ची समृद्धि वही है जो भीतर से उजाला लाए।



