बस्ती (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में प्यार की अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब एक मुस्लिम युवक ने अपने प्रेम को अंजाम देने के लिए मजहब और नाम दोनों बदल दिया। नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले सद्दाम ने अपनी प्रेमिका अनु सोनी के कहने पर हिंदू धर्म अपनाकर शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। इस घटना ने उन लोगों को आइना दिखाया है, जो अक्सर मुसलमानों पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हैं।
10 साल का प्रेम परवान चढ़ा
सद्दाम और अनु की मुलाकात 10 साल पहले हुई थी। दोस्ती से शुरू हुआ यह सफर धीरे-धीरे प्रेम में बदल गया। दोनों ने एक साथ जीवन बिताने का वादा किया, लेकिन जब अनु ने शादी का दबाव डाला, तो सद्दाम के परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। परिवार के विरोध के चलते सद्दाम को घर से बेदखल कर दिया गया, लेकिन उसने अपने प्यार को प्राथमिकता देते हुए शादी करने का दृढ़ निश्चय किया।
नाम और धर्म बदला, निभाई कसमें
रविवार को सद्दाम ने अपनी रजामंदी से हिंदू धर्म अपनाकर अपना नाम शिव शंकर सोनी रख लिया। शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार दोनों ने सात फेरे लिए। शादी के बाद अनु ने कहा, “अब सद्दाम नहीं, बल्कि शिव शंकर हमारा पति है। हम एक घर बनाकर साथ रहेंगे।”
परिवार और समाज से अपील
अनु ने शादी के बाद अपने भाइयों और हिंदू संगठनों से इस शादी को स्वीकार करने की अपील की है। उसने कहा, “हमने अपनी मर्जी से शादी की है। कृपया इसे अपनाएं और हमें एक सामान्य जीवन जीने दें।”
प्यार ने तोड़ी मजहब की दीवार
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चा प्यार जाति, धर्म और समाज के बंधनों को तोड़ने का साहस रखता है। यह शादी उन लोगों के लिए जवाब है, जो प्यार को धर्म से जोड़कर देखते हैं।
