जमशेदपुर।आज मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड स्थित एनसीपी कार्यालय में शहीद शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह की शहादत दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अनवर हुसैन ने की, जबकि संचालन मोहम्मद रिजवान ने किया।
संगोष्ठी में विशेष अतिथि के रूप में एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय, जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सौरभ ओझा, नागा यादव और अशोक महतो उपस्थित रहे।
डॉ. पवन पांडेय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को यह प्रेरणा मिलती रहे कि हमें आजादी किन संघर्षों और बलिदानों के बाद मिली। उन्होंने कहा कि हमें शहीदों की जीवनशैली और उनके बलिदान से सीख लेनी चाहिए।
शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह का योगदान
डॉ. पांडेय ने बताया कि शेख भिखारी का जन्म 1819 में ओरमांझी के खुटिया लुटवा गांव में हुआ था, जबकि टिकैत उमराव सिंह का जन्म लुटगा़ं गांव में हुआ। शेख भिखारी को उनकी बहादुरी के कारण राजा ठाकुर विश्वनाथ ने राजकीय फौज का दीवान बनाया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, शेख भिखारी ने रामगढ़ पर हमला कर वहां अंग्रेजों को हराया और चाईबासा में डिप्टी कमिश्नर को मार गिराया।
इसके बाद उन्होंने संथाल परगना में युद्ध लड़ा और विजय हासिल की। अंग्रेजों से संघर्ष करते हुए अंततः उन्हें और टिकैत उमराव सिंह को दानापुर से आई अंग्रेजी सेना ने चटटूपाली घाटी में गिरफ्तार कर लिया। बिना मुकदमे के 8 जनवरी 1858 को दोनों को फांसी दे दी गई।
संस्था का गठन और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम में शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह के सम्मान में “शेख भिखारी टिकैत उमराव सिंह वेलफेयर सोसायटी” का गठन किया गया। इसका अध्यक्ष अनवर हुसैन और महासचिव मोहम्मद रिजवान को बनाया गया।
यह संस्था शहीदों के नाम पर एक लाइब्रेरी का निर्माण करेगी, जिसमें उनसे संबंधित किताबों का संग्रह किया जाएगा। साथ ही, रक्तदान शिविर जैसे सामाजिक कार्य आयोजित किए जाएंगे, ताकि युवाओं को उनके जीवन और बलिदान के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर तबरेज खान, इकबाल खान, शौकत अंसारी, मोहम्मद शब्बीर, अब्दुल जब्बार, शेख अमजद, फिरोज, सुहैल अंसारी और शेख बसीर समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।