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दुमका। आज रविन्द्र नाथ टैगोर एग्रीकल्चर कॉलेज, देवघर एवं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची से 15 दिवसीय ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम में भाग लेने आए बीस छात्रों ने दुमका स्थित मयूराक्षी सिल्क उत्पादन केंद्र पुराना विकास भवन, दुमका का अवलोकन किया। उनके साथ क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के डॉ ए के साहा मौजूद रहे ।
इस मौके पर सेवानिवृत सहायक उद्योग निदेशक रेशम संथाल परगना के सुधीर कुमार सिंह ने छात्राओं को तसर कोकून का उत्पादन, धागे की निर्माण की प्रक्रिया एवं तसर कोकून से कितने प्रकार के धागे का निर्माण किया जाता है, इसकी जानकारी दी। छात्रों को उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि निर्मित धागा से रेशमी वस्त्र का निर्माण किस प्रकार किया जा रहा है।