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***|| जय श्री राधे ||***🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏****ll जय श्री राधे ll****

दिनांक:- 10/04/2025, गुरुवार त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,चैत्र”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि——— त्रयोदशी 24:59:59 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— पूoफाo 12:23:31
योग————- वृद्वि 18:57:31
करण———– कौलव 11:54:59
करण———– तैतुल 24:59:59
वार———————- गुरूवार
माह———————— चैत्र
चन्द्र राशि—- सिंह 19:03:31
चन्द्र राशि————— कन्या
सूर्य राशि—————– मीन
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————–सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————- 2081
शक संवत——————1947
कलि संवत—————–5126
वृन्दावन
सूर्योदय————– 06:01:07
सूर्यास्त—————18:40:08
दिन काल———— 12:39:00
रात्री काल———— 11:19:56
चंद्रोदय————– 16:31:33
चंद्रास्त—————- 28:53:23
लग्न—- मीन 26°11′ , 356°11′
सूर्य नक्षत्र—————– रेवती
चन्द्र नक्षत्र———- पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया—————— रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
टू—-पूर्वा फाल्गुनी 12:23:31
टे—- उत्तरा फाल्गुनी 19:03:31
टो—- उत्तरा फाल्गुनी 25:44:32
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= मीन 26°40, रेवती 3 च
चन्द्र= सिंह 23°30 , पू o फाo 4 टू
बुध =मीन 02°52 ‘ पू o भा o 4 दी
शु क्र= मीन 00°05, पू o फाo’ 4 दी
मंगल=कर्क 02°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 4 ही
गुरु=वृषभ 23°30 रोहिणी, 4 वु
शनि=मीन 01°28 ‘ पू o भा o , 4 दी
राहू=(व) मीन 02°05 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 02°05 उ oफा o 2 टो
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🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩
राहू काल 13:56 – 15:30 अशुभ
यम घंटा 06:01 – 07:36 अशुभ
गुली काल 09:11 – 10: 46अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 10:14 – 11:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:18 – 16:08 अशुभ
वर्ज्यम 20:24 – 22:11 अशुभ
प्रदोष 18:40 – 20:58 शुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:01 – 07:36 शुभ
रोग 07:36 – 09:11 अशुभ
उद्वेग 09:11 – 10:46 अशुभ
चर 10:46 – 12:21 शुभ
लाभ 12:21 – 13:56 शुभ
अमृत 13:56 – 15:30 शुभ
काल 15:30 – 17:05 अशुभ
शुभ 17:05 – 18:40 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:40 – 20:05 शुभ
चर 20:05 – 21:30 शुभ
रोग 21:30 – 22:55 अशुभ
काल 22:55 – 24:20* अशुभ
लाभ 24:20* – 25:45* शुभ
उद्वेग 25:45* – 27:10* अशुभ
शुभ 27:10* – 28:35* शुभ
अमृत 28:35* – 30:00* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:01 – 07:04
मंगल 07:04 – 08:08
सूर्य 08:08 – 09:11
शुक्र 09:11 – 10:14
बुध 10:14 – 11:17
चन्द्र 11:17 – 12:21
शनि 12:21 – 13:24
बृहस्पति 13:24 – 14:27
मंगल 14:27 – 15:30
सूर्य 15:30 – 16:34
शुक्र 16:34 – 17:37
बुध 17:37 – 18:40
🚩होरा, रात
चन्द्र 18:40 – 19:37
शनि 19:37 – 20:33
बृहस्पति 20:33 – 21:30
मंगल 21:30 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:23
शुक्र 23:23 – 24:20
बुध 24:20* – 25:17
चन्द्र 25:17* – 26:13
शनि 26:13* – 27:10
बृहस्पति 27:10* – 28:07
मंगल 28:07* – 29:03
सूर्य 29:03* – 30:00
🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩
मीन > 04:48 से 06:08 तक
मेष > 06:08 से 07:48 तक
वृषभ > 07:48 से 09:48 तक
मिथुन > 09:48 से 12:06 तक
कर्क > 12:06 से 14:22 तक
सिंह > 14:22 से 16:36 तक
कन्या > 16:36 से 18:52 तक
तुला > 18:52 से 21:04 तक
वृश्चिक > 21:04 से 23:32 तक
धनु > 23:32 से 01:44 तक
मकर > 01:44 से 03:18 तक
कुम्भ > 03:18 से 04:42 तक
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🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
13 + 5 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*श्री महावीर जयंती
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
गम्यते यदि मॄगन्द्रमन्दिरं
लभ्यते करिकपीलमौक्तिकम् ।
जम्बुकालयगते च प्राप्यते
वस्तुपुच्छखरचर्मखण्डनम् ।।
।। चा o नी o।।
एक अनपढ़ आदमी की जिंदगी किसी कुत्ते की पूछ की तरह बेकार है. उससे ना उसकी इज्जत ही ढकती है और ना ही कीड़े मक्खियों को भागने के काम आती है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -:दैवासुरसम्पद्विभागयोग :- अo-16
अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः।,
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयकाः॥,
वे अहंकार, बल, घमण्ड, कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष अपने और दूसरों के शरीर में स्थित मुझ अन्तर्यामी से द्वेष करने वाले होते हैं॥,18॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
आर्थिक नीति में परिवर्तन होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
🐂वृष
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
👫मिथुन
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों से अपेक्षा बेकार रहेगी।
🦀कर्क
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। कानूनी अड़चन दूर होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🐅सिंह
स्वास्थ्य कमजोर होगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें ।
🙍♀कन्या
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
⚖तुला
वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु शांत रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। चिंता रहेगी।
🦂वृश्चिक
थोड़े प्रयास से कार्य बनेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। चिंता बनी रहेगी।
🏹धनु
भय, पीड़ा व तनाव का माहौल बन सकता है। शुभ समाचार मिलेंगे। पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी।
🐊मकर
बेरोजगारी दूर होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
फालतू खर्च बढ़ेगा। तनाव होगा। वस्तुएं संभालकर रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग उभर सकता है।
🐟मीन
नेत्र रोग हो सकता है। जल्दबाजी न करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा होगी।
