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ट्रंप की हमास को सख्त चेतावनी: “48 घंटे में शव लौटाओ वरना…

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार देर रात उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमास ने जल्द ही मृत बंधकों के शव, जिनमें दो अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं, वापस नहीं किए, तो “अरब देशों को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।”

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा, “हमास को मृत बंधकों के शव तुरंत लौटाने होंगे। कुछ शवों तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन कई ऐसे हैं जिन्हें वे बिना किसी कठिनाई के लौटा सकते हैं। फिर भी वे ऐसा नहीं कर रहे। आने वाले 48 घंटे में देखते हैं कि वे क्या कदम उठाते हैं। मैं इस स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हूं।”

ट्रंप के अनुसार, गाजा से सभी जीवित बंधकों की रिहाई हो चुकी है, लेकिन अब भी 13 मृत बंधकों के शव हमास के पास हैं। उन्होंने कहा कि जब तक संगठन अपने दायित्व पूरे नहीं करता, तब तक “दोनों पक्षों के साथ समान व्यवहार” संभव नहीं होगा।

क़तर के अमीर से मुलाकात

इस बयान से कुछ घंटे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से दोहा में मुलाकात की। यह मुलाकात एयर फोर्स वन विमान में हुई, जहां दोनों नेताओं ने गाजा युद्धविराम समझौते और बंधकों की वापसी पर विस्तार से चर्चा की।
ट्रंप ने अमीर की तारीफ करते हुए कहा, “अमीर एक दूरदर्शी और सशक्त नेता हैं… और मेरे व्यक्तिगत मित्र भी हैं।”

अमेरिकी सूत्रों के अनुसार, हमास अब तक 28 में से 15 मृत बंधकों के शव लौटा चुका है, जबकि बाकी शवों की खोज जारी है। संगठन का दावा है कि कई शव मलबे में दबे हैं और उन्हें निकालने के लिए “विशेष उपकरण और तकनीकी सहायता” की आवश्यकता है।
इसी बीच, इज़राइल ने मिस्र की एक टीम को गाजा में प्रवेश की अनुमति दी है, ताकि शवों की तलाश और उनकी पहचान में मदद मिल सके।

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ट्रंप के इस बयान से संकेत मिलता है कि अगर हमास ने अगले दो दिनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो अमेरिका अपने मध्य-पूर्वी सहयोगियों के साथ मिलकर “सीधी कार्रवाई” पर विचार कर सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रंप प्रशासन की सख्त कूटनीतिक नीति का संकेत है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है।

Vaibhav tiwari
Author: Vaibhav tiwari

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