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Bihar Chunav 2025: 7 'दिग्गजों' ने झोंकी ताकत, बयानों से गरमाई सियासत, मतदान से पहले माहौल हुआ टाइट

बिहार चुनाव प्रचार अपने चरम पर। NDA, इंडिया' गठबंधन और जन सुराज ने झोंकी पूरी ताकत, दिग्गजों के बयानों से सियासी पारा चढ़ा।

Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव प्रचार जैसे-जैसे अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, राज्य का सियासी पारा आसमान छूने लगा है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है और इससे पहले एनडीए (NDA), ‘इंडिया’ गठबंधन और जन सुराज ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर तेजस्वी यादव और मल्लिकार्जुन खरगे तक, 7 से ज्यादा ‘दिग्गज’ नेता बिहार की धरती पर ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं।

इस बार का बिहार चुनाव प्रचार सिर्फ वादों तक सीमित नहीं है, बल्कि तीखे बयानों का दौर भी चरम पर है। हर पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही है और एक-दूसरे पर हमलावर है।

Bihar Chunav 2025: एनडीए का ‘डबल इंजन’ प्रहार

एनडीए की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभाल रखी है। पीएम मोदी ने सहरसा की रैली में ‘इंडिया’ गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस वालों ने राजद की लुटिया डुबाने की सुपारी ले ली है।”

पीएम मोदी ने राम मंदिर का मुद्दा भी उठाया और कहा कि ‘शाही परिवार’ (कांग्रेस और आरजेडी) को राम मंदिर जाने का समय नहीं मिलता। उन्होंने कहा, “अगर राम से दिक्कत है, तो कम से कम निषाद राज के चरणों में ही सिर झुका लो।”

वहीं, स्टार प्रचारक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चिर-परिचित अंदाज में ‘महागठबंधन के तीन बंदरों’ का जिक्र किया। उन्होंने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘पप्पू, टप्पू और अप्पू’ कहा। योगी ने कहा कि ये तीनों ‘राम विरोधी’ हैं और बिहार की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

‘इंडिया’ गठबंधन का पलटवार

एनडीए के तीखे हमलों का जवाब ‘इंडिया’ गठबंधन भी उसी आक्रामकता से दे रहा है। बिहार चुनाव प्रचार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी के बयानों पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के ‘कट्टा’ (देसी पिस्तौल) वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। तेजस्वी यादव ने कहा, “जिसकी जैसी सोच है, वह वैसा ही बोलता है। हो सकता है कि उन्होंने दूसरों को एनडीए में शामिल कराने के लिए बंदूकें दिखाई हों।” आरजेडी सांसद मीसा भारती ने भी कहा कि यह दुख की बात है कि देश का प्रधानमंत्री ‘कट्टा’ की बात करता है, जबकि तेजस्वी रोजगार और फैक्ट्रियों की बात कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पीएम मोदी के बयान को ‘झूठ’ करार दिया और कहा कि यह एक प्रधानमंत्री के ‘लेवल’ को नहीं दिखाता है।

त्रिकोणीय मुकाबले में जन सुराज की एंट्री

इस बार का बिहार चुनाव प्रचार सिर्फ दो ध्रुवों के बीच नहीं है। प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ पार्टी भी पूरे दमखम से मैदान में है और कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है। जन सुराज के उम्मीदवार मुख्य रूप से ‘बदलाव’ और स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं, जिससे एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन, दोनों का खेल बिगड़ता दिख रहा है।

गरमाए मुद्दे और तीखी बयानबाजी

जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, बिहार चुनाव प्रचार में मुद्दे पीछे छूट रहे हैं और व्यक्तिगत हमले तेज हो गए हैं। ‘कट्टा’, ‘तीन बंदर’, ‘राम विरोधी’ और ‘शाही परिवार’ जैसे शब्द चुनावी भाषणों में हावी हो गए हैं।

एनडीए जहां कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर ‘इंडिया’ गठबंधन को घेर रहा है, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और फैक्ट्रियों जैसे मुद्दों पर एनडीए सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है। इन सबके बीच, बिहार की जनता चुपचाप इन सभी ‘दिग्गजों’ को सुन रही है और 6 नवंबर को अपना फैसला सुनाने की तैयारी कर रही है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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