चुनावी माहौल में बयानबाज़ी तेज
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाज़ी का पारा भी चढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पटना में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि "मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयान को कोई गंभीरता से नहीं लेता। जब भी बोलते हैं, जहर उगलते हैं।"
वाराणसी: बृजभूषण शरण सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं — पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में नेताओं की भाषा और तेवर दोनों तीखे हो गए हैं।
राहुल गांधी और खरगे के बयान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि “बिहार में महागठबंधन जीत रहा है, लेकिन BJP पहले भी चुनावों में चोरी कर चुकी है। वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं, इसलिए जनता को सतर्क रहना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि “बिहार के लोग जहां भी जाते हैं, शहरों की तक़दीर बदल देते हैं। लेकिन बिहार की तक़दीर नहीं बदल रही क्योंकि BJP–JDU ने युवाओं से अवसर छीन लिए हैं।”
वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या जब RJD ने कांग्रेस की कनपट्टी पर कट्टा रखा, तो मोदी वहां थे? कांग्रेस किसी से डरती नहीं!”
खरगे ने BJP-JDU के मैनिफेस्टो लॉन्च पर भी तंज कसा — “20 सेकंड में प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर दी, ये तो कॉफी से भी फास्ट लॉन्च था!”
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बृजभूषण शरण सिंह ने इन बयानों को “गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ” बताया। उन्होंने कहा कि “खरगे को या तो समझ नहीं है या हिन्दी नहीं समझते।” उनका मानना है कि कांग्रेस के नेता केवल जहर उगलते हैं और जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
📌 निष्कर्ष :
बिहार चुनावी रणभूमि में नेताओं की जुबानी जंग ने माहौल को गर्म कर दिया है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस के बयानों को “गंभीरता से न लेने लायक” बता रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना मत देती है — विकास के वादों को या बदलाव की पुकार को।



