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Demand for the formation of Jharkhand Homeopathic Council: विश्व होमियोपैथी दिवस मनाया गया, गंभीर बीमारियों के सफल इलाज पर जोर

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जमशेदपुर।बिष्टुपुर स्थित यूनाइटेड होमियो हॉल में गुरुवार को डॉ. एसपी फाउंडेशन द्वारा विश्व होमियोपैथी दिवस का आयोजन उल्लासपूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. एसके बनर्जी ने होमियोपैथी के जनक डॉ. हैनिमैन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. जितेंद्र कुमार ने डॉ. हैनिमैन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वह पहले एलोपैथिक चिकित्सक थे, लेकिन आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की सीमाओं को देखते हुए उन्होंने होमियोपैथी की खोज की। यह एक ऐसी पद्धति है जो प्राकृतिक तरीकों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों का उपचार करती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और फाउंडेशन के निदेशक डॉ. टीके चटर्जी ने कहा कि होमियोपैथी केवल साधारण खांसी-जुकाम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से कैंसर, एड्स, गठिया, हृदय रोग, किडनी और लीवर की गंभीर बीमारियों का भी सफल इलाज संभव है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में एक समय पर केवल एक ही दवा रोगी को दी जानी चाहिए, जो उसके लक्षणों के अनुसार हो। मिश्रित दवा देना गलत है और इससे सही परिणाम नहीं मिलते।
कार्यक्रम के दौरान झारखंड सरकार से होमियोपैथिक चिकित्सा के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गईं। डॉक्टरों ने झारखंड होमियोपैथिक काउंसिल के गठन की मांग करते हुए इसे लंबे समय से टाले जाने को गलत बताया। इसके अलावा, 450ml दवा बिक्री पर पुनर्विचार करने, होमियोपैथिक दवाओं को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने, राज्य में बंद पड़े होमियोपैथिक कॉलेजों को पुनः चालू करने और हर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में होमियोपैथिक डॉक्टरों की बहाली जैसी मांगें भी उठाई गईं।
इस कार्यक्रम को झारखंड में होमियोपैथी चिकित्सा को मजबूती देने और इसे मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।

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