रांची : झारखंड जनाधिकार महासभा राज्य सरकार के 6 से 13 जनवरी तक सर्दी के कारण स्कूल बंद कर देने के आदेश से बेहद निराश है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, इस हफ्ते का मौसम सूर्यवत होना चाहिए. रांची में, जो राज्य के सबसे ठन्डे इलाकों में से है, दिन का तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड रहेगा, और न्यूनतम रात्रि तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड के आस पास होगा. स्कूल बंद करने की कोई ज़रूरत है नहीं.
यह पहली बार नहीं है की झारखण्ड में स्कूल बिना वजह बंद किये गए हैं. कोविड काल के दौरान, झारखण्ड ने अपने प्राथमिक विद्यालयों को पूरे 2 सालों के लिए बंद करके एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था. ऐसा करने के लिए कोई भी ठोस वजह नहीं थी. और, इस दौरान बच्चों को आभासी रूप से पढ़ाने की भी कोशिश नहीं की गई.
बेवजह स्कूलों को बंद कर देना प्रारंभिक शिक्षा के प्रति झारखंड सरकार की उदासीनता का एक लक्षण है. राज्य के 30% प्राथमिक विद्यालयों में केवल एक ही टीचर मौजूद है, और 2017 से प्राथमिक विद्यालों में कोई भी नया टीचर नियुक्त नहीं हुआ है. ज्यादातर स्कूल शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन करते हैं. राज्य के गठन के वक़्त से जितनी भी सरकारें आईं हैं उन्होंने शिक्षा को महत्त्व नहीं दिया है.
इस गैरज़िम्मेदारी की कीमत लाखों बच्चे देते हैं, विशेष रूप से हाशिए के समुदायों से आने वाले, जो सीखने के मौके से वंचित हो जाते हैं. उनमें से अधिकांश बच्चे कष्ट और गरीबी का जीवन जीने को अभिशप्त हैं।
हम झारखण्ड सरकार से दरखास्त करते हैं की वो सरकारी स्कूलों को फ़ौरन खोले और शिक्षा संकट को उस तात्कालिकता के साथ संबोधित करे जो इसके लिए आवश्यक है.
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