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नई दिल्ली:हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी अकाउंट्स द्वारा एक वीडियो तेजी से प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि धर्मशाला और बट्टल सेक्टर में 12 भारतीय सैनिक मारे गए हैं। यह दावा पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है। वायरल हो रहा वीडियो असल में वर्ष 2011 का है, जब भारतीय सेना ने कश्मीर के गुरेज़ सेक्टर में 12 आतंकवादियों को मार गिराया था। उस वीडियो का वर्तमान घटनाओं से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि इस दुष्प्रचार में जिन अकाउंट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें से एक का नाम ‘मेजर आरोही राजपूत’ है। नाम से यह अकाउंट किसी भारतीय सैन्य अधिकारी का लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक फर्जी अकाउंट है, जिसे पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा है। ऐसे कई फर्जी अकाउंट्स पाकिस्तानी तत्वों द्वारा भारतीय नामों और सेना के जवानों की पहचान का दुरुपयोग करते हुए बनाए गए हैं, जिनका मकसद भारत के खिलाफ गलत सूचना फैलाना है।
भारतीय सेना या सरकार की ओर से ऐसी किसी घटना की कोई पुष्टि नहीं की गई है। विशेषज्ञों और फैक्ट-चेकर्स ने भी स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो का भारतीय सैनिकों की मौत से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल अफवाह फैलाने और लोगों को गुमराह करने का प्रयास है।
ऐसे दुष्प्रचार और फर्जी खबरों से सावधान रहना जरूरी है। किसी भी वायरल वीडियो या खबर पर विश्वास करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच अवश्य कर लें। सोशल मीडिया पर फैल रही इस तरह की अफवाहों का मकसद केवल भ्रम और डर पैदा करना है।
