
Maharashtra News: महाराष्ट्र के शिरपुर में स्थित पूर्व शिक्षा मंत्री अमरीश पटेल के एसवीकेएम एनएमआईएमएस कॉलेज में एक छात्र की आत्महत्या से हड़कंप मच गया है। बीटेक तृतीय वर्ष के 20 वर्षीय छात्र अथर्व पुंड ने रविवार को अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना के बाद साथी छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाते हुए रातभर परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि कॉलेज के कठोर और दमनकारी नियमों के कारण हुई है।

क्या है उत्पीड़न का पूरा मामला?
छात्रों के अनुसार, यह पूरी घटना एक छोटी सी बात से शुरू हुई। अथर्व पुंड अपने कुछ दोस्तों के साथ एक कमरे में बैठा था, तभी कॉलेज की अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कमरे में सिगरेट का एक बट मिला। छात्रों का दावा है कि यह सिगरेट का बट अथर्व का था ही नहीं। इसके बावजूद, कॉलेज प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अथर्व पर 10 से 15 दिनों का शैक्षणिक प्रतिबंध लगा दिया और जुर्माना भी लगाया। इसके बाद, कॉलेज ने उसके माता-पिता को सूचित किया, जिससे वह कथित तौर पर अपमानित महसूस कर रहा था और भारी मानसिक तनाव में आ गया।
दोस्तों ने खोली कॉलेज प्रशासन की पोल
अथर्व के दोस्तों ने बताया कि वह इस घटना के बाद से ही गहरे तनाव में था। जब उन्होंने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया और कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया, जहां उन्होंने अथर्व को लटका हुआ पाया। गुस्साए छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में छोटी-छोटी बातों पर छात्रों से 5000 रुपये तक का जुर्माना वसूला जाता है, 7 दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाता है, और बिना अनुमति के छात्रों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए जाते हैं, जो महीनों तक वापस नहीं किए जाते। इसके अलावा, 80 प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर परीक्षा में न बैठने देने का नियम भी छात्रों पर भारी दबाव बनाता है।
Maharashtra News: राजनीतिक दबाव से केस दबाने का आरोप
चूंकि यह संस्थान एक बड़े राजनीतिक घराने और पूर्व शिक्षा मंत्री से जुड़ा है, इसलिए छात्रों ने पुलिस और प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि इस पूरे मामले को दबाने के लिए राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल किया जा रहा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे कहा है कि यह केस टिक नहीं पाएगा और उनकी कोशिशों को दबा दिया जाएगा। इन आरोपों के बीच, छात्रों ने आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए रातभर प्रदर्शन जारी रखा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना संस्थान के भीतर छात्रों पर पड़ने वाले दबाव और प्रशासनिक नियमों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।