आयुषी आन्या ने संस्कृत में छठ गीत गाकर शारदा सिन्हा को दी श्रद्धांजलि
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
देश के विभिन्न कोने में ऐसे-ऐसे हुनरमंद और कलाकार हैं जो अपनी कला से लोगों को आकर्षित करते हैं और भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन करते हैं. ऐसे ही एक कलाकार देवघर जिले की आयुषी आन्या हैं. आयुषी देवघर के तिवारी चौक पर रहती हैं और वह पंडा समाज से हैं.मगही, मैथिली और हिंदी में छठ की गीतों की तो खूब चर्चा है, लेकिन संस्कृत में छठ के गीत गाकर आयुषी आन्या सोसल मीडिया पर खूब वारल हो रही है. लोग इसके गानों को काफी पसंद कर रहे हैं. फेसबुक एवं यू ट्यूब पर लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं.
संस्कृत भाषा में छठ के गीत सुनाकर सभी को काफी आनंदित कर दिया है. छठ के मौके पर प्रभात खबर बातचीत में आयुषी आन्या ने शारदा सिन्हा के कई छठ के गीतों को संस्कृत भाषा में अनुवादित कर सुनाया. और कहा की स्वर कोकिला को इन गानों से उनकी ओर से श्रद्धांजलि दे रही हूं. बताया कि, कक्षा आठवीं से ही उन्हें संस्कृत के प्रति लगाव था.
उनके गुरु पंकज झा बच्चों को संस्कृत में पढ़ाते थे तो उनकी रुचि संस्कृत के प्रति बहुत ज्यादा बढ़ गई तब से संस्कृत भाषा को जीवन शैली बना लिया.आगे कहा कि वह अपने जीवन में संस्कृत भाषा को आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है, ताकि भारत की पौराणिक भाषा को आज के युवा जान सकें. आयुषी की इस जुनून और उनके इस हुनर को देखते हुए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है.
इसके अलावा उन्हें कई कार्यक्रमों में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित भी किया गया है.आयुषी ने दर्जनों फिल्मी गाने को भी संस्कृत में गा चुकी है. फिलहाल शारदा सिन्हा की दो प्रमुख छठ गीत जोड़े-जोड़े फलवा..... एवं उगअ हे सूरज देव गा कर काफी चर्चित हो गई है. आयुषी संस्कृत और शास्त्रीय से स्नातक की डिग्री बीएचयू से प्राप्त कर रही हैं. इसके साथ ही वह संस्कृत भाषा में कई ऐसे गीत लिख रही हैं जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. खासकर सुप्रसिद्ध शारदा सिन्हा के छठ के गीतों को वह संस्कृत भाषा में अनुवाद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं
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