आपातकालीन स्थिति में फिर से उरांव समाज रक्तदान समूह ने अपनी अहम भूमिका निभाई

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आपातकालीन स्थिति में फिर से उरांव समाज रक्तदान समूह ने अपनी अहम भूमिका निभाई

रक्तदाता बंटी पांडे बने संजीवनी

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

चाईबासा: ये तो सभी जानते हैं कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है, और जब किसी मरीज को रक्त की कमी हो जाती है तो उक्त मरीज के परिजन कितना परेशान होते हैं, जिसका हिसाब लगाना मुश्किल होता है। आज सरायकेला पठानमारा की बुजुर्ग महिला नामसी कुई जो सदर अस्पताल चाईबासा में इलाजरत है, उन्हें A नेगेटिव रक्त की आवश्यकता पड़ रही थी, उनके परिजन काफी परेशान थे रक्त के ग्रुप का कोई रक्तदाता मिल नहीं रहा था, और ब्लड बैंक चाईबासा में संबंधित ग्रुप का रक्त नहीं होने के कारण परिजन काफी परेशान थे, जिसकी सूचना आदिवासी उरांव समाज रक्तदान समूह के मुख्य संचालक "ब्लडमेन" लालू कुजूर को मिली। उन्होंने बिना देर किए उक्त ग्रुप के रक्तदाता की खोज करने लगे। अंततः शहर चाईबासा बड़ा नीमडीह निवासी भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजय पांडे के छोटे भाई बंटी पांडे का ग्रुप के रूप में रक्त प्राप्त हुई। जैसे ही बंटी से संपर्क किया गया, उन्होंने बिना देर किए सीधे ब्लड बैंक जाकर अपना रक्त का दान किया। मौके पर बंटी पांडे ने कहा कि ईश्वर ने हमें सुंदर शरीर दिया है, जो तभी सुंदर होगा जब या शरीर किसी दूसरे मनुष्य के लिए काम आए। आज हमारे शरीर में रक्त के रूप में ईश्वर ने जो अमूल्य व्यवस्था दी है, उस व्यवस्था से हम एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को जोड़ने का सार्थक प्रयास करते आ रहे हैं। रक्तदाता चाहे किसी भी धर्म, किसी भी मजहब, किसी भी जात का क्यों ना हो लेकिन रक्त दूसरे इंसान के शरीर में चला जाता है, वह किसी धर्म, किसी मजहब, किसी भी जात का हो। यह सिर्फ मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने का ही एक सार्थक उपाय है। मौके पर "ब्लडमेन" लालू कुजूर ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरे एक अनुरोध पर बंटी आकर अपना रक्त का दान किया और उक्त मरीज को रोग मुक्त होने हेतु अपना योगदान दिया। मैं विशेष रूप से बंटी पांडे को धन्यवाद देता हूं। इस अवसर पर मुख्य रूप समाजसेवी सनी पासवान,मनोज कुमार उपस्थित थे l

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