Kolkata Doctor Murder Case: झारखंड में आज हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर, ओपीडी में नहीं देंगे परामर्श

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Kolkata Doctor Murder Case: झारखंड में आज हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर, ओपीडी में नहीं देंगे परामर्श

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

Kolkata Doctor Murder Case:रांची-कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीजी की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर देशभर के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी आक्रोशित हैं. रिम्स में 13 अगस्त से ही जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के बैनर तले मेडिकल के छात्र आंदोलन कर रहे हैं. यहां ओपीडी और रूटीन सर्जरी ठप है. केवल इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं. इस बीच नेशनल आइएमए ने शनिवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इसमें सरकारी और निजी अस्पताल व क्लीनिक के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी शामिल होंगे. इस हड़ताल को झारखंड के 11,000 से ज्यादा डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है.

डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार सुबह 6:00 बजे से रविवार सुबह 6:00 बजे तक चलेगी. इस दौरान रेडियोलॉजी सेंटर और पैथोलॉजी लैब भी बंद रहेंगे. रविवार को अवकाश होने की वजह से सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों को सोमवार से ही परामर्श मिल पायेगा. हालांकि, हड़ताल के मद्देनजर मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. इमरजेंसी में डॉक्टरों की अतिरिक्त तैनाती और जीवन रक्षक दवाओं का प्रर्याप्त स्टॉक रखने को कहा गया है.

जेडीए के बैनर तले रिम्स के जूनियर डॉक्टर 13 अगस्त से ही ओपीडी और रूटीन सर्जरी को चार दिन से ठप कराये हुए हैं. शुक्रवार को भी ओपीडी बंद रहे, वहीं पहले से निर्धारित सर्जरी नहीं हुई. जूनियर डॉक्टरों के आग्रह पर सीनियर डॉक्टरों ने भी सेवाएं नहीं दीं. हालांकि, इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टरों का कार्य बल बढ़ा दिया गया था, इसके बावजूद मरीजों को परेशानी हुई. इधर, जूनियर डॉक्टरों ने रिम्स ओपीडी के सामने नुक्कड़ नाटक किया, जबकि ट्रॉमा सेंटर के सामने सभा की. इसमें विद्यार्थियों ने मेडिकल स्टूडेंट, विशेषकर छात्राओं को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने और कोलकाता की घटना के दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की.

आइएमए सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आइएमए के बैनर तले राज्य के डॉक्टर 24 घंटों की हड़ताल पर रहेंगे. इस हड़ताल को चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी संगठनों का समर्थन मिला है. इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी. राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन की हमारी मांग लंबित है. इस पर राज्य सरकार को तत्काल निर्णय लेना चाहिए.

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