हेमंत सोरेन कैबिनेट का विस्तार तीन नए चेहरे शामिल मुख्यमंत्री से मंत्री बने चंपई सोरेन
हेमंत सोरेन कैबिनेट का विस्तार: तीन नए चेहरे शामिल, मुख्यमंत्री से मंत्री बने चंपई सोरेन
रांची:फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद हेमंत सोरेन सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस बार कैबिनेट में तीन नए चेहरों को मौका मिला है। कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और झामुमो के बैघनाथ राम को कैबिनेट में जगह दी गई है। पिछली बार चंपाई सोरेन की कैबिनेट से बैघनाथ राम को किनारे कर दिया गया था, लेकिन हेमंत कैबिनेट में उन्हें जगह मिल गई है। वहीं, चंपाई कैबिनेट में शामिल रहे बादल पत्रलेख और बसंत सोरेन को इस बार साइडलाइन कर दिया गया है। इरफान अंसारी को आलमगीर आलम की जगह और दीपिका पांडेय सिंह को बादल पत्रलेख की जगह मिली है।
चंपाई सोरेन ने सबसे पहले ली मंत्री पद की शपथ
सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। चंपाई के बाद रामेश्वर उरांव, राजद के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता, बैघनाथ राम, दीपक बिरूआ, बन्ना गुप्ता, इरफान अंसारी, मिथलेश ठाकुर, बेबी देवी और दीपिका पांडे सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।
सत्यानंद भोक्ता लगातार तीसरी बार मंत्री बने
झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। चतरा विधानसभा सीट से विजयी सत्यानंद भोक्ता ने लगातार तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वे हेमंत सोरेन और चंपाई सोरेन सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
किस पार्टी से कौन मंत्री
- *जेएमएम*: चंपाई सोरेन, बैघनाथ राम, बेबी देवी, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन, दीपक बिरूआ
- *कांग्रेस*: बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह
- *राजद*: सत्यानंद भोक्ता
पांच माह बाद जेल से निकलने के बाद हेमंत सोरेन का नेतृत्व
पांच माह बाद जेल से निकलने के बाद हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में इंडी गठबंधन दल की बैठक हुई थी, जिसमें हेमंत सोरेन को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद चार जुलाई को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आज, 8 जुलाई को हेमंत ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसमें उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत के पक्ष में 45 वोट पड़े, जबकि विपक्ष के वोटों की गिनती नहीं की गई। हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा के बर्खास्त विधायक लोबिन हेंब्रम और निलंबित विधायक चमरा लिंडा का भी समर्थन मिला। वहीं, मनोनीत विधायक जेपी गॉलस्टेन ने भी सरकार का समर्थन किया, जबकि जेपी पटेल अनुपस्थित रहे। सरयू राय तटस्थ रहे और किसी के पक्ष में वोट नहीं दिया। कांग्रेस में शामिल हो चुके भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल सदन से अनुपस्थित रहे।
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