रूस में भारत की बात बम-बारूद और गोलियों के बीच शांति वार्ता नहीं बातचीत से निकलेगा हल

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रूस में भारत की बात बम-बारूद और गोलियों के बीच शांति वार्ता नहीं बातचीत से निकलेगा हल

 

नई दिल्ली: तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा में मॉस्को जाकर भारतीय प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत के लिए रूस की मैत्री कितनी महत्वपूर्ण है। अपनी इस यात्रा में उन्होंने दोनों देशों के आपसी संबंधों को आगे बढ़ाते हुए यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में जिस तरह यह कहा कि बम-बारूद और गोलियों के बीच शांति वार्ता नहीं हो सकती, उससे उनके उस चर्चित कथन का स्मरण हो आया, जिसमें उन्होंने पुतिन से दो टूक कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं। चूंकि भारतीय प्रधानमंत्री की मास्को यात्रा के मौके पर ही रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के अस्पताल को भी निशाना बनाया, इसलिए उन्होंने बिना किसी संकोच यह भी कह दिया कि युद्ध या संघर्ष अथवा आतंकी हमलों में जब मासूम बच्चों की मौत होती है तो हृदय छलनी हो जाता है।

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