चीन में मैगलेव ट्रेन का टेस्ट सफल, जानें इसकी रफ्तार

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चीन में मैगलेव ट्रेन का टेस्ट सफल, जानें इसकी रफ्तार

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
बीजिंग। चीन ने 1000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली मैगलेव ट्रेन का सफल टेस्ट किया है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक इस अल्ट्रा-हाई-स्पीड ट्रेन का ट्रायल शांक्सी प्रांत में किया गया। इस ट्रेन को चाइना एयरोस्पेस साइंस और इंडस्ट्री कॉरपोरेशन लिमिटेड ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह जर्मनी की मैगलेव यानी मैगनेटिक लेविटेशन तकनीक पर चलती है। इसमें तेज रफ्तार रेलगाड़ियों को दौड़ने के लिए न पहिए चाहिए, न एक्सल, न बियरिंग। परंपरागत ट्रेनों की तरह मैगलेव रेल के पहिये रेल ट्रैक के संपर्क में नहीं आते हैं बल्कि यह एक तरह से उड़ती है। यही इसकी रफ्तार की वजह है। इस ट्रेन के जरिए दिल्ली से पटना की 1,000 किमी की दूरी केवल एक घंटे में तय की जा सकती है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इस ट्रेन का परीक्षण दो किलोमीटर लंबी पाइपलाइन में लो-वैक्यूम कंडीशंस में किया गया। इसमें एक सुपरकंडक्टिंग मैगलेव वीकल का इस्तेमाल किया गया। ट्रायल में यह ट्रेन सभी मानकों पर खरी उतरी। चीन के यांगगाओ काउंटी में अल्ट्रा हाई स्पीड मैगलेव ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का निर्माण अप्रैल 2022 में शुरू हुआ था। इसमें एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी और रेलवे टेक्नोलॉजी को इंटिग्रेट किया गया है। देश में पहली मैगलेव ट्रेन शंघाई में 2004 में चलाई गई थी। दुनिया में सबसे तेज ट्रेन का रेकॉर्ड इसी ट्रेन के नाम है। जापान और दक्षिण कोरिया में भी इस तरह की ट्रेन चल रही है।
दुनिया की टॉप 5 हाई स्पीड ट्रेन
शंघाई मैगलेव दुनिया में सबसे तेज रफ्तार ट्रेन है। यह शंघाई को पुडोंग एयरपोर्ट को लॉन्गयांग स्टेशन से जोड़ती है। इसकी रफ्तार 460 किमी प्रति घंटे है। दुनिया की दूसरी सबसे तेज ट्रेन भी चीन में ही चलती है। चीन की CR400 Fuxing 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। रफ्तार के मामले में जर्मनी की मशहूर इंटरसिटी एक्सप्रेस (ICE) तीसरे नंबर पर है। इसकी स्पीड 330 किमी प्रति घंटे है। इसकी रफ्तार का राज इस पर लगीं 16 इलेक्ट्रिक मोटर्स हैं। इसके बाद फ्रांस की टीजीवी (320 किमी और जापान की जेआर ईस्ट ई5 (320 किमी) का नंबर है।

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