Microsoft Strike- 3 महीने पहले माइक्रोसॉफ्ट के नेटवर्क में लगी थी सेंध-रूसी खुफिया एजेंसी के हैकर्स की करतूत

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Microsoft Strike: 3 महीने पहले माइक्रोसॉफ्ट के नेटवर्क में लगी थी सेंध; रूसी खुफिया एजेंसी के हैकर्स की करतूत

 

माइक्रोसॉफ्ट के पीसी और इससे जुड़ी तमाम कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी सर्विस देने वाले प्लेटफॉर्म 'क्राउड स्ट्राइक' के डाउन होने के कारण दुनियाभर में हवाई, स्टॉक एक्सचेंज व बैंकिंग सहित कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। 'क्राउड स्ट्राइक' ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा है कि वह फाल्कन सेंसर से संबंधित विंडोज होस्ट पर क्रैश की रिपोर्ट से अवगत है। इंजीनियर इसे फिक्स करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। गत मार्च में माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम पर साइबर अटैक का प्रयास किया गया था।


उस वक्त कहा गया था कि रूस की विदेशी खुफिया जानकारी से जुड़े हैकर ने कॉर्पोरेट ईमेल से चुराए गए डेटा का उपयोग कर सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान को भी निशाना बनाने का प्रयास किया गया। भारत के साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि इस घटना के पीछे साइबर टेरर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। 

 

उस वक्त आईटी विश्लेषकों ने दुनिया के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्माताओं में से एक माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम और सेवाओं की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई थी। इसी कंपनी के द्वारा अमेरिकी सरकार को डिजिटल सेवाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाता है। विश्लेषकों ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की थी। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने बयान में कहा था कि इस घुसपैठ के पीछे मिडनाइट ब्लिजार्ड या नोबेलियम नामक रूसी राज्य-प्रायोजित समूह है। उस वक्त वाशिंगटन में स्थित रूसी दूतावास ने माइक्रोसॉफ्ट के बयान पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया था। उससे पहले भी मिडनाइट ब्लिज़ार्ड गतिविधि के बारे में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा दिए गए बयानों का जवाब नहीं दिया गया था। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में कहा था हैकर्स ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, कानूनी और अन्य कार्यों सहित कॉर्पोरेट ईमेल खातों में सेंध लगाने की कोशिश की थी। 

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