प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान PM ने पुतिन को बताया खास दोस्त रूस-यूक्रेन युद्ध पर कही ये बात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, PM ने पुतिन को बताया खास दोस्त, रूस-यूक्रेन युद्ध पर कही ये बात

 

रुस: पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर मॉस्को में हैं। इस दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही कई अहम विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा गया है।

पीएम मोदी को मिला यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि रूस और भारत के बीच एक खास रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में उन्होंने विशेष योगदान दिया है। पीएम मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे थे, जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कई अहम मुद्दों पर उनकी बातचीत हुई। 
1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट द्वारा यीशु के पहले प्रेरित और रूस के संरक्षक संत, सेंट एंड्रयू के सम्मान में स्थापित, ऑर्डर ऑफ़ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए सम्मानित किया जाता है। 2019 में, भारत में रूसी दूतावास ने घोषणा की, “12 अप्रैल को नरेंद्र मोदी को रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी और रूसी और भारतीय लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया गया था।
पीएम मोदी और पुतिन अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी ने पुतिन को खास दोस्त बताते हुए उन्हें रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पांचवीं बार जीत के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने पुतिन के साथ एटम पवेलियन का भी दौरा किया। रूस-यूक्रेन युद्ध के विषय पर भी पीएम मोदी ने बात की। 
पीएम मोदी ने कहा, “एक दोस्त के रूप में मैंने हमेशा कहा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति बहुत महत्वपूर्ण है। मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान पर कोई समाधान संभव नहीं हैं। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती। ऐसे में हमें बातचीत के जरिए ही शांति का रास्ता अपनाना होगा।”

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