रूस दौरे पर PM मोदी ने दिखाया दम, रूसी सेना में शामिल भारतीयों की होगी वापसी, लिए गए ये बड़े फैसले

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रूस दौरे पर PM मोदी ने दिखाया दम, रूसी सेना में शामिल भारतीयों की होगी वापसी, लिए गए ये बड़े फैसले

 

मास्को।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 साल बाद रूस के 2 दिन के दौरे पर हैं।रूस दौरे का आज दूसरा दिन है।इससे पहले कल राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी के लिए अपने आवास पर प्राइवेट डिनर रखा।इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई, जिसमें बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, रूस की सेना में भारतीयों की भर्ती के मामले पर डिनर के दौरान प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी और पुतिन ने बातचीत की है।पुतिन ने सभी भारतीयों को सेना से रिलीज करने पर सहमति दे दी है।
रूस की सेना में शामिल भारतीयों की जानकारी और डेटा को लेकर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। करीब 200 लोग एजेंट के झांसे की वजह से रूस-यूक्रेन वॉर जोन में फंसे हैं।नौकरी के लालच में उन्हें रूस जाने पर युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया है।दो भारतीय व्यक्ति की युद्ध में मौत हो चुकी है।वहीं, जब पीएम मोदी मॉस्को के वनुकोवो-2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे तो रेड कार्पेट वेलकम किया गया। रूसी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर पीएम मोदी का स्वागत किया, फिर पीएम मोदी कार्लटन होटल पहुंचे जहां भारतीयों ने मोदी-मोदी और भारत माता की जय के नारे लगाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।बाद में पुतिन के प्राइवेट आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई।इस दौरान दोनों के बीच चाय पर चर्चा हुई। पुतिन ने पीएम मोदी को अपने आवास का भ्रमण कराया।
दोनों देशों के बीच की केमिस्ट्री उन मुल्कों को परेशान करत सकती है जो भारत की विश्व पटल में बढ़ती धाक से परेशान हैं। एयरपोर्ट से लेकर होटल, फिर पुतिन के रेसिडेंस नोवो-ओगारेवो तक पीएम मोदी जिस ऑरस लिमोजिन कार से पहुंचे उसका इस्तेमाल खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी करते हैं।पुतिन को घोड़ों का शौकीन भी माना जाता है, लिहाजा वो पीएम मोदी को अपने अस्तबल भी ले गए।दोनों ने कुछ पल यहां भी बिताया। पुतिन घोड़ों को पुचकारते नजर आए।
भारत और रूस के बीच आज अहम मुद्दों पर समझौता हो सकता है।इसमें सैन्य उपकरण से लेकर व्यापार के पहलुओं पर मुहर लग सकती है।रूस की यात्रा पर जाने से पहले पीएम मोदी कह चुके हैं कि वो पुतिन के साथ मिलकर द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे।दोनों नेता पारस्परिक हितों को देखते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार रखेंगे, लेकिन सबसे अहम बात दो मुल्कों के बीच होने वाले संभावित मसौदों की है।यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सुखोई से लेकर एंटी टैंक गोले की फैक्ट्री जैसे कई अहम सौदे हो सकते हैं, जिसमें फाइटर जेट SU-57, एंटी टैंक गोले की फैक्ट्री, मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड की फैक्ट्री, मिलिट्री लॉजिस्टिक्स मसौदे शामिल हैं।पीएम पुतिन के साथ रक्षा, तेल और गैस, द्विपक्षीय संबंध, व्यापार और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों पर बात करेंगे।खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं कि पीएम मोदी की ये यात्रा राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापार पर सीधी बातचीत करने का शानदार अवसर है।
22वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में रूस पर प्रतिबंधों के चलते भुगतान से जुड़े मुद्दे का हल करना, डिफेंस हार्डवेयर की आपूर्ति के साथ साथ यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे भारतीयों के संवेदनशील मुद्दे पर भी बातचीत संभव है। मोदी-पुतिन मुलाकात के बीच यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी चर्चा में है।इस मुलाकात पर यूरोप और अमेरिका की पैनी नजर है क्योंकि दोनों मानते हैं कि यूक्रेन में हो रहे हमलों की वजह से ही यूरोप में उथल-पुथल मची है।हालांकि क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने अपनी ब्रीफिंग इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया है कि दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन को लेकर कोई चर्चा होगी।ये बात इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिका और यूरोप के कई देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा चुके हैं इसके बावजूद भारत ने रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखा है।

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