*रक्षाबंधन 2024: एक साथ राखी और सावन का पांचवा सोमवार, जानें पूजा विधि और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त*

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*रक्षाबंधन 2024: एक साथ राखी और सावन का पांचवा सोमवार, जानें पूजा विधि और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त*

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

नई दिल्ली:इस साल 19 अगस्त 2024 का दिन अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि इस दिन सावन का पांचवा सोमवार, पूर्णिमा और रक्षाबंधन का महासंयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2024 में रक्षाबंधन और सावन के अंतिम सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग भी इस दिन बनेगा।

इस शुभ अवसर पर, सुबह से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो भगवान शिव की पूजा और राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए शुभ कार्यों से हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं कि इस विशेष दिन पर महादेव की पूजा कैसे करें और राखी बांधने का सही समय क्या है।

*राखी और सावन सोमवार की पूजा विधि:*

इस साल रक्षाबंधन के दिन सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में दिन की शुरुआत भगवान शिव की पूजा से करें। शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल अर्पित करें। शिवलिंग पर मिठाई और फल चढ़ाकर महादेव की आरती करें।

*राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:*  
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। राखी बांधते समय, सबसे पहले थाली में रोली, चावल, मिठाई और राखी रख लें। फिर भाई के माथे पर तिलक लगाएं, उसके बाद उसके दाहिने हाथ में राखी बांधें और मिठाई खिलाएं।

शाम को भगवान शिव की पूजा करना न भूलें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

*रक्षाबंधन मंत्र:*

- *रक्षाबंधन मंत्र:*  
 “**येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।  
  तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।**”

- *महामृत्युंजय मंत्र:*  
 “**ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।  
  ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।**”

इस प्रकार, 19 अगस्त 2024 का दिन राखी और सावन सोमवार दोनों के लिए अत्यंत शुभ है। सही विधि और शुभ मुहूर्त के अनुसार किए गए पूजा-पाठ से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

*अस्वीकरण:* यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए न्यूज़ मीडिया किरण उत्तरदायी नहीं है।

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