श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश उत्सव चाईबासा गुरुद्वारा नानक साहिब दरबार में धूमधाम से मनाया गया

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश उत्सव चाईबासा गुरुद्वारा नानक साहिब दरबार में धूमधाम से मनाया गया

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

चाईबासा। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश उत्सव चाईबासा गुरुद्वारा नानक साहिब दरबार में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। दो दिन पूर्व श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ आरंभ किया गया था, जिसकी समाप्ति आज ग्यारह बजे हुई।

श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर का संबोधन

श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने समूह साधं को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव की लख-लख बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि युगे युगे अटल जागृत ज्योति तथा प्रत्यक्ष गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ था। उस वक्त सर्वप्रथम ग्रंथी बाबा बुढ़ा जी थे। ग्रंथी बाबा बुढ़ा जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी जो पहला वाक (शब्द) लिया था वह था "संता के कारज आपि खलोया, हर काम करावना आया राम"।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का मूल मंत्र "जिन प्रेम कीये तिन ही प्रभु पायो" तथा "मानसा की जात एक ही पहचानबे" ही है। आपसी प्रेम और भाईचारा तथा प्रभु का स्मरण ही जीवन का प्रथम कर्तव्य है।

मानव जीवन अनमोल है, इसका सदुपयोग करें

मानव जीवन अनमोल है इसलिए इसे व्यर्थ में नहीं गंवाना चाहिए। मानव सेवा तथा नेक कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिर्फ सिखों का ही नहीं है, इसका आदर संस्कार विश्व में किया जाता है। सिख धर्म का आधार आपसी भाईचारा, सांप्रदायिक सौहार्द, सद्भावना सहनशीलता है। अध्यक्ष ने पुनः एक बार समूह साधं संगत को लाख-लाख बधाई दी। गुरुद्वारा साहिब के निर्माण कार्य के लिए दान देने की अपील की।

बच्चों ने किया शब्द कीर्तन

इसके उपरांत छोटे-छोटे बच्चों-बच्चियों ने शब्द कीर्तन किया। जमशेदपुर से आये कीर्तन जत्था की बीबी रविंदर कौर एवं उनके साथियों ने अपनी मधुर आवाज एवं संगीत के साथ कीर्तन करके सभी का मन मोह लिया।

चाईबासा गुरुद्वारा के ग्रंथी जी ने अरदास की तथा समूह साधं संगत को प्रकाश उत्सव की बधाई दी।

सभी धर्मावलंबियों ने मनाया उत्सव

इस प्रकाश उत्सव में चाईबासा, झींकपानी, केंदपोसी राजखरसांवा, केशरगढ़िया की साधं संगत ने अपनी हाजिरियां भरीं तथा गुरु पर्व जोशो-खरोश के साथ मनाया।

इस प्रकाश उत्सव को सम्पूर्ण कराने में दलविंदर सिंह, बलजीत सिंह खोखर, लखबीर सिंह (राजा), गगनदीप सिंह वालिया, रौनक सिंह खोखर का सराहनीय योगदान रहा।

अंत में गुरु का लंगर बरताया गया जिसमें उपस्थित सभी धर्मावलंबियों ने लंगर ग्रहण किया। इसी तरह पिछले दो दिनों से चल रहे इस प्रकाश उत्सव का समापन हुआ।

रात्रि सात बजे से आठ बजे तक स्त्री सत्संग सभा द्वारा शब्द कीर्तन किया गया। तदोपरांत अरदास एवं लंगर बरताया गया।

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