भारत का राजकोषीय घाटा: अप्रैल से अगस्त के बीच 27% का लक्ष्य, चालू खाता घाटे में वृद्धि

finance-and-industry

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

*नई दिल्ली/मुंबई*: सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 27% तक पहुंच गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के अंत तक राजकोषीय घाटा ₹4,35,176 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में बजट अनुमान का 36% था।

सरकारी व्यय का विवरण

अगस्त तक चार महीनों में केंद्र सरकार का कुल व्यय ₹16.5 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 34.3% रहा। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह व्यय बजट अनुमान का 37.1% था। इस व्यय में से ₹13,51,367 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और ₹3,00,987 करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे। कुल राजस्व व्यय में से ₹4,00,160 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए आवंटित किए गए।

राजकोषीय घाटे का लक्ष्य

केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9% पर लाने का अनुमान जताया है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह घाटा जीडीपी का 5.6% था। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को ₹16,13,312 करोड़ तक सीमित रखना है।

चालू खाता घाटे में वृद्धि

दूसरी ओर, भारत का चालू खाता घाटा अप्रैल-जून 2024 में बढ़कर $9.7 अरब (जीडीपी का 1.1%) हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि में $8.9 अरब (1%) था। यह वृद्धि मुख्य रूप से वस्तु व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण हुई है, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में $65.1 अरब दर्ज किया गया।

निष्कर्ष

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। हालांकि, सरकार ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है।

follow us - https://www.facebook.com/newsmediakiran

subscribe us - https://youtu.be/4ruQTOywTvI

Related Post