दीपावली पर विशेष उपायों से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन

Religious

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

नई दिल्ली:दीपावली, जिसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है, न केवल खुशियाँ और उत्सव का प्रतीक है बल्कि यह घर में सुख-शांति और समृद्धि के आगमन का भी विशेष अवसर है। इस शुभ दिन पर विभिन्न आध्यात्मिक और पारंपरिक उपाय करने से घर में धन, स्वास्थ्य और सद्भावना का विस्तार होता है। आइए जानते हैं कुछ खास उपाय जो दीपावली के दिन संपन्न करने चाहिए:

1. घर के बाहर सरसों के तेल का दीपक जलाएँ:
दीपावली की रात घर के बाहर सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे घर में गृहलक्ष्मी की वृद्धि होती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।


2. प्रसन्नतापूर्वक रात्रि विश्राम करें:
दीपावली की रात प्रसन्नतापूर्वक सोना चाहिए। थोड़ी खीर कटोरी में डालकर और नारियल लेकर घर में घूमें और "लक्ष्मी-नारायण" का जप करें। खीर को ऐसी जगह रखें जहाँ किसी का पैर न पड़े ताकि इसे गाय या पक्षी ग्रहण कर सकें। नारियल को घर के मुख्य द्वार पर फोड़ें और प्रसाद बांटें। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।


3. मुख्य द्वार पर तोरण लगाएँ:
दीपावली के दिन मुख्य द्वार पर नीम और अशोक के पत्तों का तोरण लगाना चाहिए। इससे घर से होकर गुजरने वाले लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और शुभता का संचार होता है।


4. गाय के गोबर के कंडे पर आहुतियाँ दें:
दीपावली पर घर में संपत्ति और सद्भावना के लिए गाय के गोबर के जलते हुए कंडे पर पाँच आहुतियाँ दें। आहुति में घी, गुड़, चंदन चूरा, कपूर, गूगल, चावल, जौ और तिल का प्रयोग करें। "स्थान देवताभ्यो नमः," "ग्राम देवताभ्यो नमः," "कुल देवताभ्यो नमः" मंत्रों के साथ आहुतियाँ दें और लक्ष्मीजी के लिए "ओम श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा" का जप करें।


5. जप, ध्यान और सुमिरन करें:
दीपावली की रात जप और ध्यान का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन स्वास्थ्य और संपत्ति प्राप्ति के मंत्रों का जप करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।


6. मोर पंख का प्रयोग:
दीपावली के पूजन स्थल पर मोर पंख रखने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसी प्रकार, लौंग और इलायची जलाकर उसकी राख से गुरुदेव के चित्र को तिलक करें, इससे भी बरकत आती है।


7. तुलसी के पास दीप जलाएँ:
दीपावली की संध्या को तुलसी के पास दीपक जलाएँ। कार्तिक मास में तुलसी के आगे दीपक जलाने से पुण्य फल प्राप्त होता है। प्रातः स्नान का भी इस मास में विशेष महत्त्व है।


8. दीपावली के अगले दिन करें विशेष प्रार्थना:
दीपावली के अगले दिन नूतन वर्ष के स्वागत में सुबह उठकर शांत चित्त होकर अपने हाथों का दर्शन करें। निम्नलिखित मंत्र का पाठ करें:

कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वती,
कर-मूले तु गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनम्।

इसके बाद जिस नासिका से श्वास चल रही हो, उसी पैर से धरती पर कदम रखें। यह विधि नए साल में सौभाग्य का संकेत मानी जाती है।

 

इन परंपरागत उपायों का पालन करने से दीपावली का पर्व अधिक फलदायी होता है। नए वर्ष का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करने पर पूरा वर्ष सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण रहता है।

Related Post