जमशेदपुर में संविधान और कानून की मांग-आदिवासी सेंगेल अभियान का धरना

Politics

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान का धरना: संविधान और कानून की मांग

जमशेदपुर।जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय के समक्ष आदिवासी सेंगेल अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया है। इस धरने का नेतृत्व सालखन मुर्मू कर रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा।

मांगें और समस्याएँ

प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में मांग की है कि सभी आदिवासी गांवों में संविधान, कानून और जनतंत्र को जल्द से जल्द लागू किया जाए। बिमो मुर्मू, केंद्रीय सेंगेल संयोजक, ने बताया कि आदिवासियों को माझी परगना के लोगों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "गांवों में प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसमें किसी को डंडित करना, गांव से बहिष्कार करना और डायन के नाम पर प्रताड़ित करना शामिल है।"

हालिया घटना

हाल ही में, जमशेदपुर प्रखंड के करनडीह बोदरा टोला में उप मुखिया मोनिका होब्रम को माझी परगना द्वारा प्रताड़ित किया गया। उन्हें एक बैठक में बुलाकर दंडित किया गया, जिसमें उन्हें एक बकरा, तीन मुर्गा और 5,000 रुपये का दंड देना पड़ा।

आदिवासी समाज की अपील

आदिवासी समाज ने माझी परगना के तानाशाही रवैये के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने झारखंड सरकार और पुलिस प्रशासन से सहयोग की अपील की है ताकि गांव के लोग खुशी से रह सकें।

इस धरने में पूर्वी सिंहभूम जिला सेगेंल परगना के चुनाराम टुडू, कोल्हान जोन के कुनूराम बास्के समेत अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

आदिवासी समुदाय की यह आवाज़ उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह उम्मीद की जाती है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देगी।

Related Post