भाजपा जिला महामंत्री संजीव सिंह का कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार पर हमला: "5 साल से झामुमो-कांग्रेस सरकार में क्यों नहीं दिला पाए मालिकाना हक?"

Politics

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

जमशेदपुर। कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा प्रहार किया है। भाजपा जमशेदपुर महानगर के जिला महामंत्री संजीव सिंह ने अजय कुमार के बयान को "हताशा एवं निराशा का प्रतीक" बताया और सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस की सरकार के दौरान मालिकाना हक दिलाने के लिए क्या कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि डॉ. अजय कुमार जमशेदपुर के लोगों को यह स्पष्ट करें कि उनकी सरकार में रहते हुए भी बस्तीवासियों को मालिकाना हक से वंचित क्यों रखा गया।

संजीव सिंह ने आरोप लगाया कि अजय कुमार अभी भी "अफसरशाही" से बाहर नहीं निकल पाए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर टिप्पणी करने से पहले अपने कार्यकाल का आत्ममंथन करें। उन्होंने यह भी कहा कि अजय कुमार को यह बताना चाहिए कि उन्होंने संसदीय कार्यकाल में बस्तीवासियों के हक में कौन-से उल्लेखनीय कार्य किए। संजीव सिंह ने दावा किया कि रघुवर दास ने जमशेदपुर ही नहीं, पूरे झारखंड में बस्तीवासियों के हक की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी है।

रघुवर दास के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं

संजीव सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में भाजपा सरकार ने रघुवर दास के नेतृत्व में बस्तीवासियों को सीधे लीज देने का प्रावधान किया। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील के सबलीज एरिया जैसे सोनारी, कदमा, और सीतारामडेरा में रहने वाले लोगों के लिए रघुवर सरकार ने ही कानून बनाया था, जिसके तहत बस्तीवासियों को बुलडोजर के भय से मुक्ति मिली। उन्होंने कहा कि रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहते हुए बस्तियों में जलापूर्ति, बिजली, सड़क, नाले, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज लाइन, कचरा उठाव, और जल निकासी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, जो बस्तीवासियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का स्थायी समाधान बन गईं।

डॉ. अजय कुमार पर कटाक्ष करते हुए संजीव सिंह ने कहा,

"अजय कुमार चुनाव के दौरान ही शहर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आते हैं। वे हर पार्टी का चक्कर लगाते हैं और अनर्गल बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। लेकिन शहर के लोग यह जानते हैं कि बस्तीवासियों के हक में सबसे पहले आवाज रघुवर दास ने ही उठाई थी।" उन्होंने बताया कि 1995 में विधायक बनने के बाद रघुवर दास ने बिहार विधानसभा में पहली बार बस्ती मुद्दे को उठाया था, लेकिन उस समय राजद और झामुमो की सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। वर्ष 1998 में रघुवर दास के नेतृत्व में बस्तीवासियों ने हजारों की संख्या में उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली थी, जिसके बाद वर्ष 2018 में उन्हें अपना वादा पूरा करने का मौका मिला।

"झामुमो-कांग्रेस और राजद सरकारों ने कभी नहीं की बस्तीवासियों की चिंता"

संजीव सिंह ने आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों में झामुमो-कांग्रेस सरकार ने बस्तीवासियों को मालिकाना हक देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन दो बार मुख्यमंत्री बने, शिबू सोरेन भी मुख्यमंत्री रहे, कांग्रेस-झामुमो और राजद ने लंबे समय तक राज्य में शासन किया, लेकिन बस्तीवासियों के हक में कभी कोई निर्णय नहीं लिया। संजीव सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार के दौरान ही बस्तीवासियों के हक के लिए काम हुआ है।

"आगामी चुनाव में भाजपा को मिलेगा जनसमर्थन"

भाजपा नेता संजीव सिंह ने विश्वास जताया कि झारखंड की जनता झामुमो-कांग्रेस सरकार से निराश हो चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को आशीर्वाद देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने पर लीज बंदोबस्ती में कानून बनाकर बस्तीवासियों को मालिकाना हक दिलाने का निर्णय लिया जाएगा और उन्हें उनका हक दिलाने का वादा पूरा किया जाएगा।

Follow us - https://www.facebook.com/newsmediakiran

Subscribe us - https://youtu.be/4ruQTOywTvI

Related Post