आदिवासी मित्र मंडल के सदस्यों ने संसद व अनुमंडल कार्यालय अधीक्षक को ज्ञापन सौंप रखीं मांगे

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आदिवासी मित्र मंडल के सदस्यों ने संसद व अनुमंडल कार्यालय अधीक्षक को ज्ञापन सौंप रखीं मांगे

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

चाईबासा/चक्रधरपुर: आज मंगलवार को आदिवासी मित्र मण्डल के सदस्य सिंहभूम सांसद जोबा माझी से 14 सितम्बर को दिल्ली में होने वाले हो भाषा आंदोलन एवं दिउड़ी दिरी से सम्बंधित ज्ञापन सौंपे। दूसरा ज्ञापन अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय मे कार्यालय अधीक्षक (चक्रधरपुर) नाथूलाल नाग को सौंपा गया। सांसद से हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल होने पर लाभ के बारे में चर्चा की गई।
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने से हो भाषा को कई फ़ायदे मिलेंगे, जैसे:  
हो भाषा को साहित्यिक भाषाओं के रूप में मान्यता मिलेगी।
हो भाषा की पहचान मज़बूत होगी।
हो भाषा में एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध होगी। 
4 स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई और परीक्षाएं हो भाषा में होगी।
हो भाषा में सिविल सेवा परीक्षा जैसी परीक्षाएं दी जा सकेगी। सरकार हो भाषा के विकास के लिए अनुदान देगी। राष्ट्र में हो भाषा और हो संस्कृति को सुरक्षित दायरा मिलेगी।
हो समुदाय के लोगों को अपनी मूल भाषा में सरकार तक पहुंच पाना आसान होगी। व्यापार, वाणिज्य, और व्यवसाय करने में आसानी होगी। आदिवासी मित्र मंडल खूंटकट्टी मौजा दिउड़ी प्रकरण में स्थानीय प्रशासन द्वारा दिउड़ी के खूंटकट्टी मुण्डाओं पर अत्याचार की निंदा करती है। आदिवासी मित्र मंडल चिंता व्यक्त करती है कि खूंटकट्टी मौजा दिउड़ी 5वी अनुसूची के अंतर्गत आता है, जिसमें बिना किसी ग्रामसभा और राज्यपाल की मंजूरी के ट्रस्ट का निर्माण कैसे किया गया? आदिवासी मित्र मंडल द्वारा चिंता व्यक्त किया गया कि जो खूंटकट्टी और CNT जमीन 1906 CS सेटलमेंट में एक मुण्डा के नाम पर था वही जमीन 1932 RS सेटेलमेंट में एक गैर आदिवासी "चमरू पांडा" के नाम पर कैसे चढ़ गया? 
आदिवासी मित्र मंडल द्वारा असंवैधानिक रूप से गठित ट्रस्ट का समर्थन नहीं करती है और मुण्डाओं का स्वशासन व्यवस्था में हस्तक्षेप निंदा करती है। सांसद से मुलाक़ात में मित्र मण्डल के निम्न सदस्य मुख्य रूप से उपस्थित थे। कालिया जामुदा, पंकज बाँकीरा, रबिन्द्र गिलुवा, हेमंत सामड, अर्जुन मुंडा, विशाल मुंडा, विवेक बाजरा, निसित मुंडा इत्यादि।

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