झारखंड एक्साइज कॉन्स्टेबल दौड़ में 12 प्रतिभागियों की मौत: सीएम हेमंत ने दिया विवादित बयान, कहा कोरोना वैक्सीन से हुई मौत!!

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झारखंड एक्साइज कॉन्स्टेबल दौड़ में 12 प्रतिभागियों की मौत: सीएम हेमंत ने दिया विवादित बयान, कहा कोरोना वैक्सीन से हुई मौत!! 

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची।झारखंड में हाल ही में आयोजित एक्साइज कॉन्स्टेबल दौड़ में 12 प्रतिभागियों की मौत ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इन मौतों का कारण कोरोना वैक्सीन को बताया है। यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष, विशेष रूप से भाजपा, इस घटना को लेकर सरकार पर तीखे हमले कर रही है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा

रांची मेडिकल कॉलेज में किए गए पोस्टमार्टम के अनुसार, प्रतिभागियों की मौत का मुख्य कारण हार्ट अटैक बताया गया है। डॉक्टरों के पैनल ने स्पष्ट किया कि किसी भी संदिग्ध जहर का पता नहीं चला है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उच्च रक्तचाप और अत्यधिक गर्मी ने भी इस स्थिति को बढ़ाया। प्रतिभागियों के विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हार्ट अटैक ही मौत का एकमात्र कारण है।

सीएम हेमंत का विवादास्पद बयान

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, "उत्पाद सिपाहियों की मौत सिर्फ दौड़ से नहीं हो रही है। लोग चलते-फिरते भी मर रहे हैं। कोरोना में भाजपा के लोगों द्वारा लगाए गए टीके का प्रभाव पड़ रहा है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह टीका पूरी दुनिया में बंद किया गया था, लेकिन भारत में इसकी आपूर्ति की गई। उनके इस बयान ने राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने इस घटना को "मौत का दौड़" करार देते हुए 10 किलोमीटर की दौड़ पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि यह दौड़ अत्यधिक कठिन थी और इससे प्रतिभागियों की जान को खतरा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने प्रतिभागियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया।

दौड़ पर रोक और नियमों में बदलाव

इस घटना के बाद, झारखंड सरकार ने 5 सितंबर तक एक्साइज कॉन्स्टेबल दौड़ पर रोक लगा दी है। सूत्रों के अनुसार, दौड़ के नियमों में बदलाव की चर्चा की जा रही है, जिसमें दौड़ की दूरी और समय को कम करने का प्रस्ताव है। नए नियम के अनुसार, प्रतिभागियों को 1.6 किलोमीटर की दौड़ 5 से 7 मिनट में पूरी करनी होगी।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल झारखंड में बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है। सीएम हेमंत सोरेन के बयान ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है, और अब यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है।

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