सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर साधा निशाना, गोड्डा और देवघर को दी करोड़ों की विकास योजनाओं की सौगात

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सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर साधा निशाना, गोड्डा और देवघर को दी करोड़ों की विकास योजनाओं की सौगात

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
गोड्डा-सीएम हेमंत सोरेन ने गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड के ऊर्जा नगर स्थित राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में गोड्डा और देवघर जिले को करोड़ों की विकास योजनाओं की सौगात दी. उन्होंने लाभुकों से संवाद करते हुए उनके बीच परिसंपत्तियों का वितरण भी किया. मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर राज्य में गिद्ध मंडराने लगे हैं. इन्हें जनता से कोई मतलब नहीं हैं. सिर्फ सत्ता हासिल करना इनका मकसद है. इनसे सावधान रहें.    

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव की घंटी बजने वाली है. यहां अन्य राज्यों से गिद्ध मंडराने लगे हैं. मणिपुर एक साल से जल रहा है. वहां बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है. वहां के लोग पलायन को विवश हैं, लेकिन केंद्र सरकार के मुखिया एक बार भी वहां नहीं गए. इन लोगों को किसी से कोई लेना-देना नहीं है. आज पंजाब और हरियाणा में ये जा नहीं सकते, क्योंकि किसान इनके विरोध में हैं. जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव में भी इन्हें मुंह की खानी पड़ेगी. अब इनकी नजर झारखंड पर है.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि गांव के लोग सबसे अधिक खेती-बाड़ी से जुड़े रहते हैं. झारखंड रूपी पेड़ की जड़ गांवों में है. इसलिए आपकी सरकार जड़ को मजबूत करना चाहती है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहती है. किसानों का दो लाख तक का ऋण माफ किया जा रहा है. माताएं, बहनें और बेटियां सशक्त हो रही हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों द्वारा देश के जंगल को लूटने का प्रयास किया जा रहा है. वन अधिकार कानून बदल दिया जा रहा है. लोगों का जंगल काटने का निर्देश दिल्ली से जारी हो रहा है. नतीजा यह हो रहा है कि इससे समय पर बारिश नहीं होती और पर्यावरण असंतुलित हो रहा है. इसका आकलन आप सभी को करना है कि 20 वर्ष में पूर्व की डबल इंजन सरकार में कैसे आपको दोनों हाथों से लूटा गया और पिछले 4 वर्ष में आपको क्या अधिकार मिला?

कोरोना काल में दिल्ली में बैठे लोगों ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था. घर में ताला लगा कर लोग रहने को विवश हुए थे. रोजी-रोजगार समाप्त हो गया था. लोग सड़क पर मरने लगे थे. याद कीजिए उस दिन को, आपका यह भाई और बेटा आपके परिवारजनों को ट्रेन और हवाई जहाज से लाकर अपने-अपने घरों तक पहुंचाया था. झारखंड ही ऐसा इकलौता प्रदेश है जो अलग-अलग प्रदेशों से अपने राज्य के लोगों को ट्रेन, हवाई जहाज और बसों से लेकर आया.

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