बिहार में कृषि मंत्री की शीतगृह मालिकों के साथ परिचर्चा

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बिहार में कृषि मंत्री की शीतगृह मालिकों के साथ परिचर्चा

पटना: कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने आज पटना स्थित कृषि भवन में शीतगृह मालिकों के साथ एक महत्वपूर्ण परिचर्चा कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव, कृषि विभाग, संजय कुमार अग्रवाल ने की।

फल और सब्जी उत्पादन में बिहार की स्थिति

अपने संबोधन में मंत्री पाण्डेय ने बताया कि बिहार में फल का औसत उत्पादन 5059 हजार मीट्रिक टन है, जो भारत में फलोत्पादन में आठवें स्थान पर है। सब्जियों का औसत उत्पादन 18021 हजार मीट्रिक टन है, जो चौथे स्थान पर है, जबकि आलू का उत्पादन लगभग 9075 हजार मीट्रिक टन है, जो तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में फल, सब्जी और आलू के उत्पादन के बाद इन्हें संरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर शीतगृह और कोल्ड चेन की आवश्यकता है।

शीतगृहों की स्थिति और योजनाएँ

मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में वर्तमान में 202 शीतगृह कार्यरत हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है। उन्होंने बताया कि 12 जिलों—मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर—में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इन जिलों में नए कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए राज्य सरकार ने तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत की है, जिसमें टाइप-1 और टाइप-2 कोल्ड स्टोरेज पर 50% सहायतानुदान का प्रावधान है।

सौर ऊर्जा का उपयोग

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा की स्थापना की योजना भी स्वीकृत है। इसके तहत 50 कोल्ड स्टोरेज को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, जिससे विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी और किसानों को सस्ते दर पर भंडारण की सुविधा मिलेगी। इस पर 50% अधिकतम 17.50 लाख रुपये प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायतानुदान दिया जाएगा।

माइक्रो कूल चैम्बर की योजना

राज्य के सुदूर क्षेत्रों में फल और सब्जियों के भंडारण की सुविधा की कमी के कारण फसलें खराब हो जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा आधारित माइक्रो कूल चैम्बर की योजना भी स्वीकृत की गई है, जिसकी भंडारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है। इस योजना के तहत 25 लाख रुपये की लागत में 50% अधिकतम 12.50 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा।

अन्य योजनाएँ

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पुराने कोल्ड स्टोरेजों के आधुनिकीकरण, भंडारण क्षमता का विस्तार, कोल्ड चेन के माध्यम से फल और सब्जियों के परिवहन के लिए रीफर भान, और फलों को पकाने के लिए राईपेनिंग चैम्बर की स्थापना पर 35% का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, ताजे फलों और सब्जियों के पैकिंग के लिए ऑन फार्म पैक हाउस की स्थापना पर 50% अधिकतम दो लाख रुपये अनुदान का प्रावधान है।

समापन

मंत्री पाण्डेय ने आशा व्यक्त की कि राज्य के सभी कोल्ड स्टोरेजों के प्रतिनिधि कृषि विभाग की योजनाओं से जुड़कर भंडारण क्षमता को बढ़ाएंगे और फलों एवं सब्जियों के उचित रख-रखाव में सहायता करेंगे। इस कार्यक्रम में निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, संयुक्त निदेशक उद्यान राधारमण सहित अन्य अधिकारी और राज्य के लगभग 75 कोल्ड स्टोरेज मालिक उपस्थित थे।

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