झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: क्यों नाराज हैं विश्वकर्मा वंशज?
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची: दी अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा, झारखंड प्रदेश की एक आवश्यक बैठक हुई । इस बैठक में आगामी 13 और 20 तारीख को होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए विश्वकर्मा समाज के वंशज लोहार बढई कुम्हार ठठेरा स्वर्णकार ने कई बिंदुओं पर विचार विमर्श किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के टिकट बंटवारे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के निष्ठावान और पुराने कार्यकर्ताओं के साथ घोर अन्याय किया है और तानाशाही की है. पिछले दिनों विश्वकर्मा समाज के दो विधायक हुआ करते थे।
बेरमो से योगेश्वर महतो बाटुल और गांडेय विधानसभा से लक्ष्मण स्वर्णकार जो कि समाज का आवाज को विधानसभा में उठाने का कार्य करते थे। परंतु इस बार के विधानसभा चुनाव में हमारे दोनों श्री योगेश्वर महतो बाटुल और श्री लक्ष्मण स्वर्णकार जी को टिकट नहीं दिया गया, साथ ही भाजपा के पुराना संघी कार्यकर्ता डॉ दिलीप कुमार सोनी को रांची विधानसभा से टिकट देने के लिए वैश्य महापरिवार, ओबीसी मोर्चा एवं झारखंड के विश्वकर्मा समाज के संगठन दि अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा, झारखंड प्रदेश के द्वारा मांग की गई थी , ताकि विश्वकर्मा समाज का एक प्रतिनिधि समाज का आवाज बने और विधानसभा में विश्वकर्मा वंशजों की बात को रख सके, लेकिन सातवीं बार रांची विधानसभा से फिर वही पुराने चेहरे सीपी सिंह को पार्टी द्वारा टिकट देकर रांची विधानसभा के जनता के साथ भी धोखा किया है। विश्वकर्मा वंशज भारतीय जनता पार्टी को हमेशा मदद सहयोग किया है लेकिन इस बार हमारे विश्वकर्मा वंशज के निष्ठावान लोगों को भारतीय जनता पार्टी ना तो अपने पार्टी में उचित स्थान देती है और ना ही विधानसभा चुनाव में झारखंड से प्रत्याशी बनाने का काम किया है। ऐसी स्थिति में विश्वकर्मा महासभा झारखंड प्रदेश ने निर्णय लिया है की विश्वकर्मा समाज के वंशज लोहार बढई कुम्हार ठठेरा कसेरा स्वर्णकार इस बार 13 और 20 तारीख को होने वाले चुनाव में अपना वोट अपने विवेक से देंगे ताकि हमारे समाज के साथ अन्याय करने वालों को सबक मिल सके और जनता के साथ न्याय हो सके ।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2024 के विधानसभा चुनाव में विश्वकर्मा वंशज से एक भी व्यक्ति को टिकट देकर उम्मीदवार नहीं बनाया है। इसलिए विश्वकर्मा वंशजों में इस बार भारतीय जनता पार्टी के प्रति काफी रोष है. इस बार विश्वकर्मा वंशज अपने स्वविवेक से निर्णय लेंगे और अपना मतदान करेंगे।
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