बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ा संकट, आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में : चंपाई सोरेन

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बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ा संकट, आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में : चंपाई सोरेन

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा है कि बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है. घुसपैठ को नहीं रोका गया, तो आदिवासियों का अस्तित्व संकट में आ जायेगा. भाजपा में शामिल होने की घोषणा के बाद चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया पर पहला पोस्ट करके घुसपैठ का मुद्दा उठाया. श्री सोरेन ने लिखा है कि घुसपैठ के मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही है. इसलिए आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में, मैने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा है कि इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं. इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है. श्री सोरेन ने लिखा है कि झामुमो में कोई ऐसा मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा व्यक्त कर पाता. मुझ से सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी है. वह बुधवार की दोपहर दिल्ली से रांची लौटेंगे और अपने सभी पदों से इस्तीफा देंगे. वहीं 30 अगस्त को रांची में भाजपा में शामिल होंगे. दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा भी उपलब्ध करा दी गयी है. दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए चंपाई सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास जताते हुए वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं.


चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की घोषणा के बाद झामुमो की पहली आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया आयी है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने इसे आत्मघाती कदम बताया है. उन्होंने चंपाई से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया है. उन्होंने कहा कि अगर चंपाई सोरेन को किसी बात को लेकर नाराजगी थी, तो उन्हें बात करनी चाहिए थी. विनोद पांडेय ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने चंपाई सोरेन से जमशेदपुर में एक निजी कार्यक्रम में बात करनी चाही, लेकिन चंपाई दा से बात नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि चंपाई दा ने अबतक झामुमो से इस्तीफा नहीं दिया. पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते हम चाहते हैं कि चंपाई सोरेन बीजेपी में जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें. उनके इस फैसले से झामुमो कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है.

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