देवेंद्र सिंह का बयान: एमजीएम मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को सुरक्षा और संसाधनों की कमी पर चिंता व्यक्त
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी के जमशेदपुर जिले के पूर्व अध्यक्ष और पश्चिम विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र सिंह ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की स्थिति को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर कई वर्षों से भय और संसाधनों की कमी से जूझते हुए अपनी चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टरों के पास पर्याप्त आवास की सुविधा तक नहीं है, और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए किए गए कई प्रयास भ्रष्टाचार के चलते असफल रहे हैं।
देवेंद्र सिंह ने कहा कि ये जूनियर डॉक्टर न केवल चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि उच्च स्तरीय पढ़ाई भी करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण डॉक्टरों को मजबूर होकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को घेरना पड़ा। उनका कहना है कि विधानसभा चुनावों के करीब आने के कारण मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से जल्दबाजी में ओपीडी और अन्य विभागों का उद्घाटन किया, जो साल भर पहले ही किया जाना चाहिए था।
देवेंद्र सिंह ने झारखंड में भय और असुरक्षा के माहौल का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टरों के लिए एक सुरक्षित माहौल का निर्माण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की और कहा कि मुख्यमंत्री को डॉक्टरों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में एनडीए और भाजपा की सरकार बनेगी, जिससे राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों की स्थिति में सुधार होगा और डॉक्टरों के लिए डर का माहौल खत्म होगा।
देवेंद्र सिंह का यह बयान राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति और डॉक्टरों की समस्याओं को उजागर करता है। भाजपा का यह मानना है कि उनकी सरकार के आने पर मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी और डॉक्टरों के लिए बेहतर कार्य वातावरण का निर्माण किया जाएगा।
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