युवा आक्रोश रैली: मोरहाबादी में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच टकराव

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युवा आक्रोश रैली: मोरहाबादी में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच टकराव 

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
*रांची:* भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा द्वारा आज (शुक्रवार) को मोरहाबादी मैदान में आयोजित युवा आक्रोश रैली में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। रैली में प्रदेश के शीर्ष भाजपा नेताओं की उपस्थिति में हजारों युवा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस रैली का मुख्य उद्देश्य हेमंत सरकार पर निशाना साधना और कार्यकर्ताओं में जोश भरना था।

रैली में बढ़ी उग्रता

रैली के दौरान, भाजपा कार्यकर्ता उग्र हो गए, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने और पानी की बौछार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मोरहाबादी मैदान रण क्षेत्र में तबदील हो गया, जहां पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।

बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास

भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिबू सोरेन के आवास की ओर जाने वाले रास्ते पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रॉकेट वाले पटाखों का सहारा लिया। इस दौरान, सभा स्थल के पास भी आंसू गैस के गोले गिरने से लोगों को जलन का सामना करना पड़ा।

घायल कार्यकर्ता और पुलिस की कार्रवाई

इस संघर्ष में बोकारो नगर अध्यक्ष युवा मोर्चा विशाल गौतम सहित पांच भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने सूचना भवन मोरहाबादी जाने वाले रास्ते में बैरिकेडिंग के पास पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं को समझाकर मंच के पास भेज दिया। प्रशासन ने चलाई गोली, जमशेदपुर भाजयुमो के कार्यकर्ता कृष्णकांत राय और हजारीबाग के पूर्व सांसद डॉ यदुनाथ पांडेय को लगी गोली, ले जाया जा रहा रिम्स, पैर में लगी है गोली। जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा व अन्य ले जा रहे रिम्स अस्पताल।

आम जनता में नाराजगी

रैली के कारण राजभवन से बरियातू जाने वाले रास्ते में जाम लग गया, जिससे आम जनता में नाराजगी फैल गई। डोगरी लाइन के पास रास्ता ब्लॉक होने के कारण पुलिस प्रशासन और जनता के बीच नोक-झोंक हुई। काफी देर बाद, कुछ समय के लिए जनता के लिए रास्ता खोला गया।

निष्कर्ष

युवा आक्रोश रैली ने रांची में एक बार फिर से राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ सकता है।

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