झारखंड में राजनीति समीकरण बदलने में लगे विधायक सरयू राय-जदयू से गठबंधन-भाजपा को चुनौती

Politics

झारखंड में राजनीति समीकरण बदलने में लगे विधायक सरयू राय,जदयू से गठबंधन,भाजपा को चुनौती

रांची:झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जब भाजपा के बागी निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भाजपा के सहयोगी दल जदयू के साथ हाथ मिलाया। इस गठबंधन से भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में परेशानी बढ़ने की संभावना है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष खिरू महतो ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आयोजित बैठक के बाद यह जानकारी दी कि उनकी पार्टी 11 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रही है।

जदयू की चुनावी रणनीति

खिरू महतो ने बताया कि जदयू आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन के साथ भाग लेगी। पार्टी ने 81 सीटों पर चुनाव की तैयारी की है, और सीटों की संख्या और उम्मीदवारों की अंतिम सूची गठबंधन दलों की बैठक के बाद तय की जाएगी। यह स्पष्ट है कि जदयू अपने चुनावी अभियान को मजबूती देने के लिए गंभीरता से काम कर रही है।

कुर्मी समाज की मांग

बैठक में कुर्मी समाज के 13 संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अपनी विशेष मांग रखी। उन्होंने अनुरोध किया कि कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। यह मांग न केवल समाज के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जदयू को चुनावी लाभ भी मिल सकता है, क्योंकि यह समुदाय झारखंड में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है।

सरयू राय की भूमिका

सरयू राय, जो पहले भाजपा में कदवार   नेता माने जाते थे, अब जदयू के साथ अपने नए राजनीतिक सफर की ओर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें जदयू में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। यदि सरयू राय जदयू में शामिल होते हैं, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि राय की लोकप्रियता और राजनीतिक अनुभव से जदयू को मजबूती मिलेगी।

भविष्य की संभावनाएँ

झारखंड में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सरयू राय के जदयू में शामिल होने की संभावना और कुर्मी समाज की मांग से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। जदयू का यह गठबंधन भाजपा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे भाजपा इस नई स्थिति का सामना करती है।

Related Post