हिमंता बिस्वा सरमा कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन, चुनाव आयोग बना मूकदर्शक, लोकतंत्र बचाओ अभियान का गंभीर आरोप

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची: 1 नवंबर 2024 को हिमंता बिस्वा सरमा ने सारठ में फिर से मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया और धर्म के नाम पर वोट मांगा. लोकतंत्र बचाओ अभियान ने फिर से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है. अभियान ने कहा है कि हिमंता बिस्वा सरमा लगातार झारखंड में भड़काऊ और सांप्रदायिक भाषण दे रहे हैं. मतदाताओं के धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं. यह आश्चर्य की बात है कि इसके बाद भी चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है.

लोकतंत्र बचाओ अभियान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उनके सारठ के भाषण के कुछ अंश निम्न हैं “यह चुनाव सनातन को बचाने का चुनाव है. यह चुनाव सनातन को रक्षण-वेक्षण देने का चुनाव है. क्या आप लोग मानते हैं कि हेमंत सोरेन कभी भी यहां से घुसपैठियों को हटाएंगे? आज आप लोग देखिए एक विशेष समुदाय होते हैं, वो एक वोट भी इधर-उधर नहीं देते हैं. जैसे ऑर्डर आता है वैसे ही गिरता है, लेकिन हमारे समाज में हिन्दू बंटे रहते हैं. कई उम्मीदवार खड़े होते हैं और वोट डिवाइड हो जाते हैं. कांग्रेस-JMM दोबारा आती है और लाखों घुसपैठियों को बुला कर लाते हैं और यह चलता रहेगा तब तक नहीं खत्म नहीं होगा जब तक हिन्दू समाज एक नहीं होगा. हिन्दू जगा तो राम मंदिर बना और अगर यह हिन्दू फिर से जाग जायेगा तो संताल परगना में यह घुसपैठिये नहीं रह सकते.”

लोकतंत्र बचाओ अभियान ने कहा है कि यह भाषण स्पष्ट रूप से मुसलमानों के विरुद्ध साम्प्रदायिकता फ़ैलाने और चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से दिया गया है. लोगों में धर्म के नाम पर डर और भय का माहौल बनाया जा रहा है. झूठ बोलकर लोगों को धर्म के नाम पर मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा के लिए भी उकसाया जा रहा है और धर्म के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं. यह न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि राज्य में धार्मिक हिंसा फ़ैलाने की साजिश भी है.

पत्र में अभियान ने कहा है कि हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा 23 अक्टूबर को हुसैनाबाद और 24 अक्टूबर को जमशेदपुर में दिए गए सांप्रदायिक और नफरती भाषण के विरुद्ध भी अभियान ने शिकायत की थी. यह दुःख की बात है कि चुनाव आयोग द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है. अभियान ने चुनाव आयोग से मांग की है कि अपनी संवैधानिक ज़िम्मेवारियों को सच्चाई के साथ निभाए और तुरंत हिमंता बिस्वा सरमा के विरुद्ध मामला दर्ज कर न्यायसंगत कार्रवाई करे. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नेता अपने चुनावी भाषण में साम्प्रदायिकता न फैलाये और धार्मिक ध्रुवीकरण न करे.

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