सेवानिवृत्त आईपीएस राजीव रंजन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, परिवारवाद का लगाया आरोप
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सदस्य और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। 23 नवंबर 2024 को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को संबोधित अपने पत्र में उन्होंने इस निर्णय का कारण बताया है।
राजीव रंजन सिंह ने अपने पत्र में कहा कि वह भाजपा से डेढ़ वर्ष पहले जुड़े थे, लेकिन अब पार्टी के भीतर परिवारवाद और संघ के मूल्यों के विपरीत कार्यों को देखकर उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के कारण नहीं है, बल्कि यह भाजपा की नीतियों और आदर्शों के प्रति उनके बढ़ते असंतोष का परिणाम है।
सिंह ने लिखा, "भाजपा के टिकट बंटवारे में जिस तरह से परिवारवाद हावी रहा, यह दर्शाता है कि भाजपा अपने नीतियों एवं विचारों से और संघ के मूल्यों एवं आदर्शों के बिल्कुल विपरीत कार्य कर रही है।" उन्होंने उन सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को सलाम किया जो संघ के विचारों से जुड़े रहे हैं और वर्तमान परिस्थितियों में पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
राजीव रंजन सिंह ने अपने आईपीएस करियर का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 32 वर्षों तक निस्वार्थता और निडरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया था ताकि वह इसे साफ कर सकें, लेकिन अब उन्हें महसूस हुआ कि वह इस प्रयास में सफल नहीं हो सके।
उन्होंने कहा कि वह भविष्य में किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं का समर्थन करेंगे जो स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय लेते हैं। अंत में, उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ कार्यकर्ताओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
राजीव रंजन सिंह का यह इस्तीफा भाजपा के भीतर चल रहे विवादों और परिवारवाद पर उठते सवालों के बीच एक महत्वपूर्ण घटना है, जो पार्टी की आंतरिक राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
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