वनपट्टा दिलाने की मांग को लेकर मधु कोड़ा का धरना, "घंटा बजाओ, सरकार जगाओ" कार्यक्रम में हेमंत सरकार का विरोध

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वनपट्टा दिलाने की मांग को लेकर मधु कोड़ा का धरना, "घंटा बजाओ, सरकार जगाओ" कार्यक्रम में हेमंत सरकार का विरोध

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

चाईबासा/टोंटो।पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने टोंटो प्रखंड कार्यालय के समक्ष बुधवार को "घंटा बजाओ, सरकार जगाओ" कार्यक्रम के तहत वनपट्टा दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पूर्व भूमिहीनों को जमीन और वन पट्टा अधिकार देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वन पट्टा अधिकार आदिवासी समुदायों के अस्तित्व और आजीविका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जंगलों में रहने वाले आदिवासी लोगों की अधिकांश सामाजिक और आर्थिक गतिविधियां वन पर निर्भर होती हैं, और वन पट्टा नहीं मिलने से सरकारी सुविधाओं के लिए आवश्यक कागजात, जैसे जाति प्रमाण पत्र आदि, भी नहीं बन पा रहे हैं।

मधु कोड़ा ने जोर देकर कहा कि सरकार को आदिवासी समुदायों के वन पट्टा अधिकारों के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए, क्योंकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है और उनकी आजीविका और अस्तित्व से गहरा संबंध रखता है। वनपट्टा की अनुपलब्धता से ग्रामीणों को न केवल आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी कठिनाइयाँ हो रही हैं।

इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। मुख्य रूप से लेबेया लागुरी, बाबूराम लागुरी, रमेश बालमुचू, महाती लागुरी, सुखदेव पान, मुकेश दास, सिद्धार्थ बोदरा, तुराम बहान्दा, दिलीप लागुरी, संजय पुरती, पान्डु तिरिया, आनन्द तुबीड, पद्दु पिंगुवा, जानुमसिंह तामसोय, मुन्डा चुम्बरु लागुरी, ओडेया सिद्ध रेंगो लागुरी, जोन लागुरी, और महाबीर लागुरी जैसे लोग इस आंदोलन में उपस्थित रहे। इन सभी ने वन पट्टा की मांग को लेकर आंदोलन में अपनी एकजुटता दिखाई और सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की।

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