झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 26 जुलाई से-हंगामेदार होने के आसार

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झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 26 जुलाई से, हंगामेदार होने के आसार

रांची: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. वर्तमान विधानसभा का यह आखिरी सत्र है. ऐसे में हंगामा के आसार हैं. सदन में आनेवाले विधानसभा चुनाव की गरमाहट दिख सकती है. इस आखिरी सत्र में पक्ष-विपक्ष दोनों आक्रामक होंगे. विपक्ष बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला जोर-शोर से उठा सकता है. इस मामले में सरकार को घेरने की कोशिश होगी. इसके साथ ही रोजगार और नियुक्तियों के मामले में विपक्ष सरकार से जवाब मांगेगा. 
वहीं सत्ता पक्ष नीट पेपर लीक, नीति आयोग की बैठक, कोयला पर राज्य का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ का मुद्दा और कानूनों में संशोधन का मुद्दा लेकर आयेगा.

विधायक दल के साथ बैठे स्पीकर
मॉनसून सत्र से पहले स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने गुरुवार को विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक की. इसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने का सहयोग पक्ष-विपक्ष से मांगा. स्पीकर का कहना था कि वर्तमान विधानसभा का आखिरी सत्र है. इसे यादगार और ऐतिहासिक बनाना है. जनहित के जो काम बचे हैं, उसके लिए समय का सदुपयोग हो.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा-बैठक में नहीं बुलाया गया

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया. स्पीकर ने विधायकों की बैठक बुलायी है, इसकी कोई सूचना मेरे या मेरे किसी सहयोगी को नहीं दी गयी. मुझे बैठक के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. सत्ता पक्ष की कोशिश है कि विपक्ष की आवाज दबायी जाये. हम जनहित के मुद्दे से समझौता नहीं करेंगे. इस सरकार की जनविरोधी और दमन भरी नीति का विरोध किया जायेगा. जनता के सवालों का जवाब सदन में मांगा जायेगा. विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे थे. विधायक दल की बैठक में विस्थापन, रोजगार, सुखाड़, नीट और हाल में पुराने कानून में हुए संशोधन पर सदन में चर्चा की भी बात हुई. विधायक लंबोदर महतो का कहना था कि रोजगार का मुद्दा पूरे राज्य में ज्वलंत है. युवाओं में आक्रोश है. रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं. ऐसे मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.

सुखाड़ को लेकर चर्चा कराए सरकार

विधायकों का कहना था कि फिलहाल सुखाड़ जैसी स्थिति कई जिलों में है. सरकार सुखाड़ को लेकर भी चर्चा कराये. इससे निपटने को लेकर तैयारी जरूरी है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन का कहना था कि विस्थापन आयोग बनाने की पहल सरकार ने की है. सरकार विस्थापन को लेकर गंभीर है. मुख्यमंत्री का कहना था कि नीट पर विशेष चर्चा हो सकती है. बैठक में मंत्री रामेश्वर उरांव, माले विधायक विनाेद सिंह भी मौजूद थे. स्पीकर का कहना था कि सदन में विशेष चर्चा के लिए कार्यमंत्रणा में विचार-विमर्श किया हो सकता है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के बाद कार्यमंत्रणा की बैठक होगी.

29 जुलाई को पहला अनुपूरक बजट होगा पेश

झारखंड विधानसभा का वर्तमान सत्र छह कार्य दिवस वाला है. 29 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का पहला अनुपूरक बजट पेश होगा. इसके अगले दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी. वर्तमान सत्र में सरकार विधेयक भी लेकर आ सकती है. वहीं आखिरी दिन गैर सरकारी संकल्प होंगे. विधानसभा में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की मांग भी की जा रही है.

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