आज आठवें दिन भी आंदोलन जारी सेल
आज आठवें दिन भी आंदोलन जारी, सेल प्रबंधन को 4 से 5 करोड़ रुपए का नुकसान
गुवा।सेल की गुवा खदान में संयुक्त यूनियन, सेल कर्मी व ठेका मजदूरों का अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा़ के नेतृत्व में 11 जुलाई को लगातार आठवें दिन भी जारी रहा। आज दोपहर में मधु कोडा़ पहले से तय कार्यक्रम अनुसार गुवा स्थित अपने आवास में पहुंचे। यहाँ सैकड़ों की संख्या में आंदोलन में शामिल पुरुष एवं महिलाओं के अलावे संयुक्त यूनियन के पदाधिकारी, सारंडा के गांवों के मानकी-मुंडा व बेरोजगार मौजूद थे। मधु कोडा़ ने आंदोलनकारियों एवं सारंडा के बेरोजगारों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी एकजूटता की वजह से सेल व गुवा प्रबंधन काफी परेशान है। इस आंदोलन का मकसद हमें सेल को नुकसान पहुंचाना या व्यावधान डालना नहीं है। बल्कि हमारा मुख्य उद्देश्य खदान से प्रभावित गांव व शहरों के शिक्षित बेरोजगारों को न्याय व उनको वाजीब हक दिलाना है। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति में भी जब यहाँ के बेरोजगारों को नौकरी व रोजगार नहीं मिलेगा तो फिर यहाँ के बेरोजगार आखिर जायेंगे कहां। उन्होंने कहा कि हमारी चार सूत्री मांगों को लेकर सेल, मेघाहातुबुरु स्थित मेघालया गेस्ट हाउस में देर शाम सेल, बीएसएल (बोकारो) के उच्च अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित किया गया है।
इस बैठक में क्या बातचीत होती है, उस आधार पर हीं आगे की रणनीति पर चर्चा व अहम निर्णय लिया जायेगा। फिल्हाल हमारा यह आंदोलन जैसा चल रहा है, वैसा चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि गुवा प्रबंधन विभिन्न तरहों से हमारे आंदोलनकारियों को डराने, धैर्य का परीक्षा ले, आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती रही लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। बल्कि यह आंदोलन दुगनी उत्साह के साथ आगे बढ़ता रहा। उल्लेखनीय है कि बीते 4 जुलाई की पहली पाली से चार सूत्री मांग जिसमें, बाहर से नियुक्त कर गुवा भेजे गये एस-3 ग्रेड के 18 सेलकर्मियों को तत्काल वापस भेजना, ठेका मजदूरों को समान कार्य का समान वेतन व सुविधाएं, सेवानिवृत्त सेलकर्मियों के आश्रितों को खदान में नौकरी एवं गुवा खदान में 500 पदों पर खदान से प्रभावित सारंडा के गांवों व गुवा के निवासी बेरोजगारों को शत फीसदी नौकरी दिलाना आंदोलन में शामिल है। इस दौरान गुवा के सीजीएम कमल भास्कर के साथ तीन दौर की बैठक बेनतीजा निकला था। आंदोलन की वजह से गुवा प्रबंधन को अब तक 4-5 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। आंदोलन के दौरान मजदूरों ने मशाल जुलूस, सेल अधिकारी का पुतला दहन, जनरल आफिस का घेराव आदि चरणबद्ध आंदोलन करते रहे हैं।
इस दौरान मजदूर नेता रामा पाण्डेय, विश्वजीत तांती, पंचम जॉर्ज सोय,जयसिंह नायक, सोनाराम पिंगुवा,मनोज मुखर्जी, राजेश कोडा़, रमेश गोप, अंतर्यामी महाकुड, पंचस भादों टोप्पो,जीप सदस्य देवकी कुमारी, नरेश दास, मानकी लागुडा़ देवगम, मुंडा जामदेव चाम्पिया, मुंडा कानुराम देवगम आदि सैकड़ों मौजूद थे।
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