झारखंड के 19 जिलों में भारत बंद असरदार, एक किशोरी की मौत, बंद समर्थकों ने मचाया उत्पात

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झारखंड के 19 जिलों में भारत बंद असरदार, एक किशोरी की मौत, बंद समर्थकों ने मचाया उत्पात

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची: एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर लागू करने के प्रस्ताव के विरोध में भीम आर्मी, विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने बुधवार को ‘संपूर्ण भारत बंद’ बुलाया था. झारखंड के करीब 19 जिलों में बंद का व्यापक असर दिखा. बंद के दौरान बसें और मालवाहक गाड़ियां नहीं चलीं. रांची, रामगढ़, लोहरदगा, खूंटी, सरायकेला, चाईबासा, जमशेदपुर, गढ़वा, पलामू, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, दुमका, साहिबगंज, देवघर व जामताड़ा जिले में बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया. कई जिलों में सड़कों पर आगजनी भी की गयी. धनबाद में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण एक किशोरी की मौत हो गयी.

धनबाद के शासनबेरिया पंचेरी की रहनेवाली पायल कुमारी(14 वर्ष) घर के समीप ही दोपहिया वाहन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गयी. बंद के कारण बच्ची को एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचाने में देर हो गयी. इमरजेंसी में डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज शुरू किया, इसी दौरान उसकी मौत हो गयी. परिजनों के अनुसार, हादसा सुबह 10:00 बजे हुआ. बंद की वजह से अस्पताल पहुंचने में दो घंटे लग गये. झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया था.

धनबाद के ही बरोरा थाना अंतर्गत हरना चौक के पास दोपहर 12:30 बजे बंद समर्थकों और दुकानदारों के बीच झड़प हुई. धनबाद में बंद समर्थकों ने ग्रामीण एसपी, सिटी एसपी व डीएसपी की गाड़ी को रोक कर नारेबाजी की. कोलियरियों में उत्पादन व डिस्पैच बंद रहा. झामुमो विधायक मथुरा महतो तोपचांची जीटी रोड पर बंद के समर्थन में उतरे. बाघमारा के हरिणा में बंद समर्थकों, राहगीरों और पुलिस में नोकझोंक हुई.

पलामू में बंद का व्यापक असर रहा. गुमला के माइंस में 1000 बॉक्साइट ट्रक नहीं चले. झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य का मार्ग जाम रहा. लातेहार में आंदोलनकारियों ने एनएच-75 व 99 पर वाहनों के परिचालन को ठप करा दिया था. लोहरदगा जिले में बॉक्साइट ट्रकों का परिचालन नहीं हुआ. कोडरमा के तिलैया स्थित महाराणा प्रताप चौक पर करीब दो घंटे तक रांची-पटना रोड को जाम रखा़ रामगढ़ के अलावा, गोला, कुजू, पतरातू आदि क्षेत्रों में सुबह से ही बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया था. इस वजह से कोलियरी में उत्पादन व डिस्पैच पर असर पड़ा. हजारीबाग में राष्ट्रीय राजमार्ग बरही-रांची और बरही-कोलकाता सड़क पर बंद समर्थक दरी बिछा कर बैठ गये थे. पदमा में बंद समर्थकों ने पदमा-इटखोरी सड़क को जाम कर दिया. इचाक, दारू, टाटीझरिया, विष्णुगढ़, केरेडारी, चरही में बंद समर्थक सड़क पर उतर कर बंद का समर्थन किया. बड़कागांव में सुबह से सड़क पर पंडाल लगाकर विरोध किया गया. जमशेदपुर के सुंदरनगर, कांदरबेड़ा, बालीगुमा में बंद समर्थकों ने सुबह में सड़कों पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया. वहीं पेट्रोल पंप और बाजार में खुली दुकानों को बंद कराया. चाईबासा, घाटशिला और चक्रधरपुर में बंद का असर दिखा. बोकारो और गिरिडीह जिले में भी बंद का व्यापक असर दिखा.

भारत बंद का असर संताल परगना में भी दिखा. सभी जिलों में दिन भर दुकानें बंद रहीं. बसें नहीं चलीं. ट्रेनों का परिचालन जारी रहा. देवघर में 60 और गोड्डा में 66 बंद समर्थकों ने थाने में गिरफ्तारी दी. शाम को सभी को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया. दुमका, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा में भी बंद को लेकर झामुमो, राजद, भीम सेना के अलावा छात्र समन्वय समिति के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे व जगह-जगह रोड जाम कर दिया.

रांची सहित विभिन्न जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. सरकारी संस्थान खुले रहे, लेकिन लोग नहीं दिखे. लोहरदगा ट्रेन से रोजाना रांची आनेवाले मजदूरों को काम नहीं मिला . रांची में आदिवासी हॉस्टल के पास आदिवासी छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया. संगठन के लोग हरवे-हथियार लेकर मेन रोड सहित विभिन्न इलाकों में निकले और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया. बंद के दौरान ऑटो व ई-रिक्शा का परिचालन नहीं हुआ. कांटाटोली, मेन रोड, अरगोड़ा, हरमू रोड, रातू रोड, बरियातू, कोकर सहित पूरे शहर में बंद समर्थकों का जुलूस निकला. मेन रोड में वाटर केनन, टीयर गैस, बज्र वाहन सहित सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. रांची जिला में कहीं भी बंद समर्थकों को गिरफ्तार नहीं किया.

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