सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

नयी दिल्ली।सीपीएम मुख्यालय में पार्टी महासचिव सीताराम राम येचुरी को पार्टी की झारखंड राज्य कमिटी की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। सीताराम का ख्वाब अधुरा इसी सदी में होगा पूरा, तुझमे, मुझमे इसमें, उसमें संघर्षों में सीताराम जिंदा हैं, का. सीताराम को लाल सलाम के गगनभेदी नारों के साथ आज पूर्वाह्न 9 बजे सीताराम का पार्थिव शरीर उनके आवास से नयी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय लाया गया।

उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पार्टी के नेता व समर्थक पार्टी मुख्यालय पहुंच गए हैं। अबतक सोनिया गांधी समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं के अलावा कला - संस्कृति व फिल्म जगत के जाने - पहचाने चेहरे भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। विभिन्न देशों के दुतावासों के राजनयिक, विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, दिल्ली के आर्चबिशप सहित अन्य धार्मिक संगठनों, सिविल सोसाइटी, श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों के अलावा दिल्ली के नामी पत्रकार, मीडियाकर्मियों, चिकित्सकों अधिवक्ताओं की भी अच्छी खासी संख्या अश्रुपुरित आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंची थी।

पार्टी की झारखंड राज्य कमिटी की ओर से राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, पूर्व राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया। पार्टी के राज्य कमिटी सदस्य और दलित शोषण मुक्ति मंच के अध्यक्ष शिव बालक पासवान और राज्य कमिटी सदस्य काशीनाथ चटर्जी भी पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में शामिल थे।

इस मौके पर सीपीएम के सभी पोलिट ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय कमिटी के सदस्य और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी उपस्थित थे। यहां उपस्थित शोकाकुल लोगों में बड़ी संख्या में छात्रों और युवाओं की मौजूदगी इस बात का एहसास दिला रही थी कि लाल झंडा के नेतृत्व में चल रहे संघर्षों को आगे ले जाने के लिए उत्साहित-अनुशासित और समर्पित नयी पीढ़ी की पौध तैयार हो रही है।

अपराह्न 3 बजे केंद्रीय पार्टी कार्यालय से एक विशाल श्रद्धांजलि मार्च निकाल कर सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर मेडिकल छात्रों के शैक्षणिक और शोध कार्यों के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को सुपुर्द कर दिया गया। इस तरह कामरेड सीताराम येचुरी ने 'जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी' के आदर्श को चरितार्थ करने का काम किया है।

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