महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: अजित पवार का सीएम योगी के नारे पर ऐतराज
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
महाराष्ट्र : आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बटेंगे तो कटेंगे" नारे पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र के लोग इस तरह की टिप्पणियों को पसंद नहीं करते और राज्य की सांप्रदायिक सद्भावना को बनाए रखने का प्रयास करते हैं।
अजित पवार की सेकुलर छवि
अजित पवार ने चुनाव से पहले यह भी कहा था कि उनकी पार्टी 10 प्रतिशत टिकट अल्पसंख्यकों को देगी। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे अपने वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए अपनी सेकुलर छवि को बनाए रखना चाहते हैं। पवार ने कहा, "महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का है। आप महाराष्ट्र की तुलना अन्य राज्यों से नहीं कर सकते।"
बारामती में पारिवारिक मुकाबला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार रैलियों की शुरुआत करेंगे। जब अजित पवार से पूछा गया कि प्रधानमंत्री उनके निर्वाचन क्षेत्र बारामती में रैली क्यों नहीं करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वहां मुकाबला परिवार के भीतर है। अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के उम्मीदवार हैं।
नवाब मलिक और उनकी बेटी सना का समर्थन
अजित पवार ने बीजेपी के विरोध के बावजूद अपनी पार्टी के उम्मीदवार नवाब मलिक और उनकी बेटी सना के लिए प्रचार किया। बीजेपी ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया है, लेकिन अजित पवार ने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया। उन्होंने मुंबई में एक रैली में खुली जीप में सवार होकर लोगों से पिता-पुत्री के लिए वोट देने की अपील की।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अजित पवार का यह कदम उनकी राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वे एक ओर बीजेपी के साथ गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं और दूसरी ओर अपनी पार्टी की पहचान और अल्पसंख्यक वोटरों का समर्थन भी सुनिश्चित करना चाहते हैं। इस बीच, राज्य में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल और भी रोचक बन गया है।
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