*कर्ज में डूबा मध्य प्रदेश: मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक*

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*कर्ज में डूबा मध्य प्रदेश: मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक*

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

मध्य प्रदेश : प्रदेश में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर खर्च करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इन योजनाओं पर राशि खर्च करने से पहले संबंधित विभागों को वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। यह पाबंदी अगले साल मार्च तक लागू रहेगी।

*आर्थिक संकट और बढ़ता कर्ज*

मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार बाजार से कर्ज उठा रही है। हाल ही में सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और अब वह दो किश्तों में 5,000 करोड़ रुपये और कर्ज लेने की योजना बना रही है। 31 मार्च 2024 की स्थिति के अनुसार, प्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। इस गंभीर वित्तीय स्थिति को देखते हुए, वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है। इसका मतलब यह है कि इन योजनाओं पर खर्च करने से पहले वित्त विभाग की मंजूरी अनिवार्य होगी। हालांकि, वित्त विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मंजूरी की आवश्यकता का अर्थ यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं।

*इन योजनाओं पर लगी पाबंदी*

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना अनिवार्य किया है, उनमें प्रमुख योजनाएं शामिल हैं:

- *नगरीय विकास एवं आवास योजना*: कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट।
- *कृषि विभाग*: समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।
- *अन्य योजनाएं*: मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्य प्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं शामिल हैं।

*कर्मचारियों की तनख्वाह का भार*

वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को हटा दिया है। जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी, जिसमें से अब 52 योजनाओं पर से रोक हटा ली गई है। आरबीआई से कर्ज मिलने के बाद इन विभागों से पाबंदी हटाई गई है।

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन के अनुसार, प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है और वित्त विभाग से अनुमति लेना एक वित्तीय अनुशासन की प्रक्रिया है। सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है और योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चलाई जा रही हैं, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है।

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